लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 40 प्रतिशत बिजली उपभोक्ता अपना बिल नहीं देखा पाते है। जिसके वजह से उपभोक्ता को प्रतिमाह सैकड़ो रुपये अतिरिक्त देना पड़ता है। बिल में फिक्स चार्ज, एक्सेज पेनाल्टी, इलेक्ट्रीसिटी चार्जेज, मिसलिनियस चार्जेज, इसटेटमेंट, ब्याज, मिनिमम चार्जेज, सहित कुल 14 प्रोसेस बिजली बिल में छप कर आता है। इसके बाद बिल में जोड़ कुल पैसा लिख दिया जाता है। जो उपभोक्ता को समय रहते देना पड़ता है।
बिजली बिल भरना यूपीपीसीएल ने आसान कर दिया है। बिजली कटने की सूचना भी समय पर दे दिया जाता है। लेकिन उपभोक्ता अपना बिजली बिल भी सही से नही देख पाते है। जिसके वजह से विभाग प्रतिमाह निर्धारित डिमाण्ड से अधिक बिजली उपयोग करने पर पेनाल्टी देना पड़ता है। उपभोक्ता बिजली का डिमाण्ड बढ़ा भी देता है।फिर भी बिल में पेनाल्टी जुड़कर आता रहता है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पेनाल्टी हटवाने के लिए उपभोक्ता को लिखकर देना होता है। इसके बाद बिल से अतिरिक्त पैसे को हटाया जाता है।
इसके अलावा उपभोक्ता से इस बात के भी पैसा लिया जाता है।वह कभी भी बिजली घर फोन कर अपनी शिकायत दर्ज कराकर समय पर बिजली से जुड़ी समस्या का हल करा सके। इसके बदले में यूपीपीसीएल माह में उपभोक्ता से अतिरिक्त चार्ज भी लेता है। लेकिन ज्यादातर उपभोक्ता नही जानते है। आलमबाग के रहने वाले प्रभाकर ने बताया कि बिल कई दिनो से कम आ रहा था जो भी बिल आता था। उसे समय पर जमा करा दिया जाता है।
फिर एक दिन अचानक हजारो में बिल आ गया। जब इसकी शिकायत बिजली घर पर किया तो अवर अभियंता ने बताया कि आपका बिल आरडीएफ में आ रहा है। फिर एक सप्ताह दौड़ने के बाद बिल को सही किया जा सका। ऐसे ही सरोजनीनगर के दुर्गेश ने बताया कि बिल में अतिरिक्त चार्ज जुड़कर आ रहा था। जिसे बिजली उपकेन्द्र पहुंचकर ठीक कराया जा सका। दुर्गेश ने बतया कि जब बिजली घर ही समस्या के लिए जाना पड़ता है, तो फिर सुविधा के नाम पर अतिरिक्त पैसा उपभोक्ता से विभाग क्यो ज्यादा पैसे लेता है। लेसा ट्रांस गोमती के मुख्य अभियंता अनिल तिवारी ने बताया कि उपभोक्ता को परेशान न होना पड़े। इसके लिए उपकेन्द्र पर तैनात बिजली कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है।