लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र केंद्रित योजनाओं के तहत महिला शोध छात्राओ से शोधमेधा छात्रवृति के लिए आवेदन मांगे गए हैं । यह शोधमेधा योजना का तृतीय चरण होगा। इसमें अब तक छात्र कल्याण में 313 और कर्मयोगी में कुल 222 आवेदन प्राप्त हुए हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय द्वारा छात्र हित मे पिछले तीन वर्षो मे कर्मयोगी, कर्मोदय तथा शोधमेधा सहित कई अन्य नई योजनाओं की शुरुआत की है जिससे छात्रों को समग्र विकास की दिशा मे बेहतरीन अवसर के साथ वित्तीय सहायता भी प्राप्त हो रही है। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 15 मार्च रखी गई है ।
शोधमेधा के अंतर्गत उन महिला शोध छात्रों को पांच हजार रुपये की छात्रवृति तीन वर्ष के लिए दी जाती है जिन्हे किसी अन्य स्रोत से वित्तीय मदद अथवा छात्रवृत्ति न मिल रही हो । छात्रवृति के लिए वही छात्राऐं आवेदन कर सकती हैं जिन्होने कोर्स वर्क पूरा कर लिया हो। छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि विगत वर्ष शोधमेधा योजना के तहत विभिन्न विभागों से 50 भी अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमे 10 छात्राओ का चयन साक्षात्कार के आधार पर किया गया था ।
प्रति वर्ष 10 छात्राओ के चयन से वर्तमान मे 20 शोध छात्राओ को यह छात्रवृत्ति मिल रही है । उन्होने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप, इस प्रकार के कार्यक्रम से छात्राओं के लिए एक कार्यकुशल और सहायक वातावरण सुनिश्चित करने मे काफी मदद मिलती है । लखनऊ विश्वविद्यालय पहला राज्य विश्वविद्यालय जो इस तरह की छात्र केंद्रित योजनाएं शुरू करके अपने छात्र छात्राओं को लाभान्वित कर रहा है।