Tuesday, December 10, 2024
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    कथक की संरचनाओं में दिखा bhagwan shree krishna का मनमोहक रूप

    कथक की संरचनाओं में दिखा bhagwan shree krishna का मनमोहक रूप

    लखनऊ। राष्ट्रीय कथक संस्थान द्वारा आयोजित पं. बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव रसरंग का आयोजन संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. विपिन पुरी, प्रो. माण्डवी सिंह, डॉ. पूर्णिमा पाण्डेय, अर्चना सिंह, विजया कुमार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ कथक शुद्ध नृत्य की प्रस्तुति से किया गया जोकि तीन ताल 16 मात्रा में निबद्ध था। शिव परन से शुरूआत होते हुए कथक का पारंपरिक स्वरूप तोड़े, टुकड़े, तिहाईयाँ एवं जुगलबन्दी के साथ पारम्परिक शुद्ध नृत्य को कलात्मक ढ़ंग से प्रस्तुत कर कलाकारों ने bhagwan shree krishna के मनमोहक रूप के दर्शन कराये।

    जिसे नृत्य कलाकार उपासना श्रीवास्तव, संजीवनी नाथ, जयश्री श्रीवास्तव, अत्रांशी सिंह, खुशी सिंह, रिदम श्रीवास्तव, देवी देश पाण्डेय, जान्हवी तिवारी, पवित्रा मेहरोत्रा, अनन्या तिवारी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की द्वितीय प्रस्तुति फेस्टिवल्स आफ इण्डिया प्रस्तुत किया जिसकी नृत्य संरचना एवं निर्देशन डॉ. रूचि खरे ने किया। नृत्य नाटिका फेस्टिवल्स आफ इण्डिया जीवन एक उत्सव के भाव पर आधारित है और भारतीय संस्कृति की सहजता उल्लास और सौंदर्य को परिलक्षित करता है।

    भारत के त्योहार भारतीय कला और संस्कृति की अभिव्यक्ति के सशक्त हस्ताक्षर हैं। इस नृत्य नाटिका में विभिन्न भारतीय शास्त्रीय और लोकनृत्यों के माध्यम से भारतीय त्योहारों को दशार्या गया। तृतीय प्रस्तुति द हिरो इन शेड की प्रस्तुति में नृत्य संरचना एवं निर्देशन भाश्वती मिश्रा ने किया। हम bhagwan shree krishna को समर्पित छंद, कविता, संगीत की विप्लव कलात्मक जुगलबंदी के साथ कथक नृत्य का प्रस्तुतीकरण करेंगे, जो कृष्ण के छलिया स्वरूप पर मोहित होकर बैचेन हो उठती है और फिर अपने प्रेम और विश्वास को प्राप्त हो जाती है। वहीं दूसरी ओर उन्हें प्रेम और स्नेह के सबसे उत्कृष्ट पर्याय के रूप में भी पूजा जाता है जिसने इस मृत्युलोक में अपने विराट रूप के दर्शन दिए।

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