Friday, August 22, 2025

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी : ऑस्ट्रेलिया में भारत को मिलेगी चुनौतीपूर्ण पिच, तेज़ गेंदबाजों को मिलेगा फायदा

नयी दिल्ली । (रघुबीर शर्मा) । भारत अपनी आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच के लिए ऑस्ट्रेलिया के ऑप्टस स्टेडियम में कदम रखने जा रहा है, जहां की पिच तेज़ और उछाल भरी हो सकती है। 22 नवंबर से शुरू होने वाला यह मुकाबला भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि पिच पर गेंदबाजों को विशेष रूप से मदद मिलने की संभावना है।

ऑप्टस स्टेडियम में तैयार की गई ड्रॉप-इन पिच में वही मिट्टी और घास की प्रजातियाँ हैं जो वाका ग्राउंड पर पाई जाती हैं, जिसे ऑस्ट्रेलिया के तेज़ और उछाल भरे विकेटों के लिए जाना जाता है। क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड का कहना है कि पिच में तेज़ गति और उछाल सुनिश्चित की जाएगी, ताकि तेज़ गेंदबाजों को अधिक सहायता मिल सके। उनका उद्देश्य पिछले साल के ऑस्ट्रेलिया-पाकिस्तान टेस्ट जैसा परिणाम देखना है, जिसमें गेंदबाजों को मैच के दौरान काफी मदद मिली थी।

ऑप्टस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60,000 दर्शकों की है। हालांकि, अब तक यहां ज्यादा दर्शक नहीं आए हैं, लेकिन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जैसी बड़े मुकाबले की वजह से इस बार दर्शकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है।

इसे भी पढ़ें : पहले टी20 मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 61 रन से हराया

पिच पर घास की थोड़ी सी मौजूदगी गेंदबाजों को गति और उछाल दे सकती है, और शुरुआती दिनों में बल्लेबाजों के लिए यह पिच चुनौतीपूर्ण हो सकती है। हालांकि, क्यूरेटर ने यह सुनिश्चित किया है कि पिच पर तेज़ गेंदबाजों के लिए सही परिस्थितियाँ बनी रहें।भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह मुकाबला न केवल एक कड़ा प्रतिस्पर्धी टेस्ट होगा, बल्कि तेज़ गेंदबाजों के लिए भी निर्णायक साबित हो सकता है।

“सुनील गावस्कर और एलन बॉर्डर के नाम पर रखी गई ट्रॉफी”

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली टेस्ट क्रिकेट सीरीज़ है, जो दोनों टीमों के बीच की प्रतिस्पर्धा को दर्शाती है। यह ट्रॉफी भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एलन बॉर्डर के नाम पर रखी गई है, जो अपने समय के बेहतरीन बल्लेबाजों में गिने जाते थे और दोनों ने अपनी-अपनी टीमों का नेतृत्व किया है।

ट्रॉफी का इतिहास:
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आरंभ 1996 में हुआ था, और तब से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज़ के विजेता को यह ट्रॉफी दी जाती है। इसमें दोनों टीमें चार से पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलती हैं।

महत्वपूर्ण पहलू:

  • घरेलू लाभ: सामान्यतः यह देखा गया है कि घरेलू टीम का प्रदर्शन इस सीरीज़ में बेहतर रहता है। भारत में भारत की टीम का पलड़ा भारी रहता है, वहीं ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया का।
  • प्रतिस्पर्धा: यह सीरीज़ हमेशा रोमांचक होती है, जिसमें दोनों टीमें बहुत ही उच्च स्तर का प्रदर्शन करती हैं। भारतीय स्पिन गेंदबाज़ों का दबदबा घरेलू मैदानों पर देखा गया है, जबकि ऑस्ट्रेलिया में उनकी तेज़ पिचों पर तेज गेंदबाज़ों का प्रभाव देखा गया है।
  • विराट कोहली और स्टीव स्मिथ जैसी दिग्गज खिलाड़ियों की भूमिका: दोनों देशों के दिग्गज बल्लेबाजों का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहता है। पिछले कई वर्षों में विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, स्टीव स्मिथ, और मार्नस लाबुशेन जैसे खिलाड़ियों ने इस सीरीज़ में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

रिकॉर्ड्स: सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों ने इस ट्रॉफी में कई यादगार पारियां खेली हैं। गेंदबाजी में अनिल कुंबले, हरभजन सिंह, और नाथन लायन जैसे गेंदबाज़ों ने शानदार प्रदर्शन किया है।

2023 की हालिया सीरीज़: 2023 में हुई सीरीज़ में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया और ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखी।बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच की प्रतिस्पर्धा और मित्रता का प्रतीक बन चुकी है और क्रिकेट प्रशंसकों के बीच इसका बहुत ही ख़ास स्थान है।

RELATED ARTICLES

Most Popular