-कोविड नियमों का पालन कराते हुए कराई गई बहनों की बंदी भाईयों से मुलाकात
-प्रदेश की 72 जेलों में 16448 बहनों ने बांधी राखी
लखनऊ। रक्षाबंधन के अवसर पर रविवार को जिला जेल में बंद भाइयों की कलाई पर राखी बांधने पहुंची बहने भाईयों को देख फफक पड़ी। उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। दो साल के लंबे अंतराल के बाद भाईयों से मिली बहनो ने कलाई पर राखी बांधकर मिठाई खिलाई तथा उनके लंबी उम्र की कामना की।
डीजी जेल आनंद कुमार ने भाइयों से मिलने आई बहनों को रक्षाबंधन के पर्व पर पूरी सहूलियत प्रदान की जाने के सख्त निर्देश दिए थे की जेल पहुंची बहनों को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सोशल डिस्टेंसिंग मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराते हुए किसी भी दशा में यह पर्व मनाने की सुविधा दी जाए।
कोशिश रहे कि कोई भी बहन जेल के दरवाजों से किसी भी दशा में निराश वापस न लौटें।
डीजी ने बताया कि प्रदेश की 72 जेलों में बंद भाईयों की कलाई पर 16,448 बहने पहुंची, किसी को लौटाया नहीं गया है।
डीजी के अनुसार प्रदेश में 10 बड़ी जेलों में शुमार लखनऊ में 445, कानपुर नगर में 678, गौतम बुद्ध नगर में 298, प्रयागराज में 344, गाजियाबाद में 1398, वाराणसी में 103, मुरादाबाद में 96, बुलंदशहर में 1100, अलीगढ़ में 712 समेत आगरा में 1501 बंदियों के कलाई पर बहनों ने राखी बांधी।
इस दौरान माहौल बेहद भावुक कर देना वाला रहा।