सिद्धार्थ जैन
जयपुर। भांकरोटा हादसे के घायलों का हाल जानने के लिए उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने घायलों की कुशलक्षेम जानी और चिकित्सकों को निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बर्न यूनिट में बाहरी लोगों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित होना चाहिए, क्योंकि संक्रमण सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अगर कोई नेता या अन्य व्यक्ति जबरन अंदर जा रहा है, तो यह अनुचित है। उप मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता घायलों का जीवन बचाना है, और इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ भी एस एम एस अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील कुमार भाटी से बातचीत कर घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
अग्निकांड में अब तक पांच मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। इन सभी के DNA सैंपल लिए गए हैं और संभावित परिजनों के सैंपल भी मिलाए जा रहे हैं। सैंपल के मिलान के बाद ही पहचान स्पष्ट हो सकेगी।इस हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों ने भी स्थिति पर नजर बनाए रखी है।
दोषियों को दंडित करने के भी आदेश
उधर राजस्थान उच्च न्यायलय ने जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा के पास एलपीजी टैंकर ब्लास्ट की घटना पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है। इसके साथ ही अदालत ने आपदा प्रबंधन मंत्रालय, पेट्रोलियम सचिव और मुख्य सचिव सहित अन्य से जवाब तलब किया है। अदालत ने प्रकरण को जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई के लिए संबंधित खंडपीठ के समक्ष दस जनवरी को सूचीबद्ध करने को कहा है। अदालत ने इस मुद्दे पर केन्द्र और राज्य सरकार से उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी है।
जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश दिए।अदालत ने इस दुर्घटना में मृतकों और घायलों के परिवारों को तत्काल उचित मुआवज़ा दिए जाने की व्यवस्था करने को कहा। साथ ही राज्य सरकार से दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ़ जांच कराने और दोषियों को दंडित करने के भी आदेश दिए।