लखनऊ। शनिवार बीरबल साहनी मार्ग स्थित खाटू श्याम मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचक आचार्य नीरज कृष्ण शास्त्री ने गोवर्धन पर्वत लीला का प्रसंग सुनाया। पर्वत को उंगली पर उठा लेने का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर होकर भगवान कृष्ण की जयजयकार कर झूम उठा।
महाराज ने गोवर्धन लीला का प्रसंग सुनाया। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया, वहीं ब्रज के लोगों को आनंद प्रदान किया। इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका घमंड दूर करने के लिए कृष्ण भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रज मंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया।
सात दिनों के बाद इंद्रदेव को अपनी भूल का एहसास हुआ। कथा में भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित मनमोहक भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की जयजयकार कर भाव विभोर होकर झूमते रहे। इस अवसर पर आयोजक कनानिया परिवार, महामंत्री रूपेश अग्रवाल, मदन लाल अग्रवाल, जगदीश प्रसाद, विजय अग्रवाल, रतनलाल अरुण, अग्रवाल सुभाष अग्रवाल, मनीष अग्रवाल एवम समस्त भक्तजन कार्यक्रम में उपस्थित रहे।