लखनऊ। माल विकास खंड में कहने को तो किसानों की सिंचाई संबंधी समस्या हल करने के लिए आधा दर्जन नहरे और पंचान्नबे राजकीय नलकूप हैं। खेतों की सिंचाई के लिए न तो नहरों में पानी आता है और न ही नलकुपो में गूलें और कुंडियां। जिससे चलते सिंचाई न हो पाने से किसान मायूस और परेशान हैं।
बताते चलें कि जबसे राजकीय नलकूपो को सूबे की सरकार ने पंचायतों को सौंप दिया था तबसे राजकीय नलकूप अनाथ हो गए हैं। विकास खंड में लगे लगभग आठ दर्जन नलकूपो में किसी में कोई न ही गूल है और ना ही किसी में कुंडियां। जिससे किसानों के खेतों तक पानी पहूंचाया जा सके।
शंकरपुर पंचायत स्थित नलकूप संख्या115एम जी ग्रुप व बंतपुर स्थित राजकीय नलकूप संख्या77 बीते दो माह से खराब पड़ा है।जिससे किसानों की रबी फसले सूखने की कगार पर हैं। यह तो बानगी भर हैं। वहीं माल ब्लाक में लगभग आधा दर्जन छोटी बड़ी नहरें 115किमी हैं।शायद ही अपवाद स्वरूप इनमें पानी आता हो।
जिन्दाना अल्पिका, मडवाना नहरों में लोग बताते हैं। कि वर्ष1972के बाद से पानी ही नहीं आया है लेकिन सरकारें टेल तक पानी पहूंचाने का दावा ठोकते नहीं थकती है। उनकी पानी की किल्लत से किसान परेशान हैं।वहीं सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने से नहीं थकती है।