Sunday, February 16, 2025
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    हरपाल सिंह ऐबॉट ने टाटा मुंबई मैराथन में 42.2 किलोमीटर की दौड़ पूरी की

    लखनऊ /मुंबई। हरपाल सिंह ऐबॉट ने भारत के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित दौड़ आयोजनों में से एक, टाटा मुंबई मैराथन (TMM) में अपनी सफल भागीदारी दर्ज कराते हुए 42.2 किलोमीटर की दूरी वाली मैराथन पूरी की। इस वर्ष आयोजित मैराथन में कुल 65,000 से अधिक धावकों ने भाग लिया था, जिनमें से 11,000 लोगों ने इस चुनौतीपूर्ण दौड़ को पूरा करने में सफलता प्राप्त की। हरपाल सिंह उन 11,000 धावकों में से एक हैं जिन्होंने इस कठिन दौड़ को सफलता पूर्वक पूरा किया। उन्होंने अपनी मैराथन को 5 घंटे, 12 मिनट और 58 सेकंड में पूरा किया।

    इस शानदार उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए हरपाल सिंह ने कहा, “यह घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। इस वर्ष के आयोजन में विभिन्न श्रेणियों में 65,000 से अधिक धावकों ने भाग लिया और हर किसी ने इसका भरपूर आनंद लिया। मुझे गर्व है कि मैं 42.2 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले पूर्ण मैराथन वर्ग में भाग लेने वाले 11,000 धावकों में शामिल हुआ।

    हरपाल ने आगे कहा कि टाटा मुंबई मैराथन एक प्रमुख और प्रतिष्ठित मंच है, जो केवल भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी धावकों को आकर्षित करता है। उन्होंने कहा, मैं इस प्रतिष्ठित आयोजन का हिस्सा बनकर बहुत सम्मानित महसूस करता हूँ और यह मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

    हरपाल सिंह ऐबॉट ने टाटा मुंबई मैराथन में 42.2 किलोमीटर की दौड़ पूरी की

    उन्होंने यह भी बताया कि पूर्ण मैराथन श्रेणी में भाग लेने के लिए धावकों को कड़े समय मानकों को पूरा करना पड़ता है। हरपाल ने न केवल इन आवश्यकताओं को पूरा किया, बल्कि निर्धारित समय के भीतर दौड़ पूरी करने पर भी उन्हें गर्व है। पिछले साल भी उन्होंने इस मैराथन में भाग लिया था और यह उनकी दूसरी बार पूर्ण मैराथन में भागीदारी थी।

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    हरपाल ने अपनी दौड़ के बारे में बात करते हुए कहा कि यह उनके दौड़ने के प्रति जुनून का प्रमाण है। उनका कहना था, यह उपलब्धि मेरे दौड़ने के जुनून की वजह से संभव हुई है, जिसने मुझे देश के विभिन्न हिस्सों में दौड़ने का मौका दिया है। विशेष रूप से, मैंने लद्दाख मैराथन में भी भाग लिया है, जो कि अपनी कठिन परिस्थितियों और उच्च ऊंचाई के कारण दुनिया के सबसे कठिन मैराथन में से एक मानी जाती है।

    हरपाल सिंह की यह सफलता न केवल उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि यह उन सभी धावकों के लिए प्रेरणा भी है जो बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

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