लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में भारत की पहली रात्रि सफारी बनाने के लिए मंजूरी दे दी है। यह अनोखा और रोमांचक प्रोजेक्ट कुकरैल नाइट सफारी पार्क और चिड़ियाघर के नाम से लखनऊ के कुकरैल जंगल क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। इस सफारी का उद्घाटन दिसंबर 2026 तक होने की संभावना है, और यह पर्यटकों को एक बिल्कुल नया अनुभव देने के लिए तैयार होगी।
कुकरैल नाइट सफारी पार्क 2027.46 हेक्टेयर में फैला होगा और इसमें लगभग 900 एकड़ का क्षेत्र मेपल लीफ डिज़ाइन में विकसित किया जाएगा। यहां पर रात्रि के समय सफारी का अनुभव किया जाएगा, जहां पर्यटक चांदनी रात में जानवरों के बीच घूमते हुए उनका प्राकृतिक जीवन देख सकेंगे। विशेष रूप से रात्रिचर जीवों को देखने का यह अवसर पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा, जो भारत में अब तक किसी अन्य सफारी में उपलब्ध नहीं था।
प्रमुख आकर्षण:
- 5.5 किलोमीटर लंबा ट्रामवे: इस ट्रामवे पर पर्यटक सफारी का आनंद ले सकते हैं, और उन्हें विभिन्न प्रकार के रात्रिचर जानवरों के दर्शन होंगे।
- स्काई साइकिलिंग और स्काईवॉक: इन सुविधाओं के जरिए पर्यटक हवा में झूलते हुए जंगल के नजारे देख सकेंगे। यह एक रोमांचक और अद्वितीय अनुभव होगा।
- बर्मा ब्रिज और जिपलाइन: सफारी पार्क में रोमांचक गतिविधियाँ भी होंगी जैसे बर्मा ब्रिज, जिपलाइन, स्काई रोलर, और तीरंदाजी। ये आकर्षण विशेष रूप से युवा पर्यटकों के लिए बनाए जाएंगे, जो एडवेंचर और रोमांच के शौकिन हैं।
- पारिवारिक समारोहों के लिए टेंट सुविधा: यहां पर 20 टेंटों की व्यवस्था भी की जा रही है, ताकि लोग परिवार और दोस्तों के साथ सामूहिक आयोजनों का आनंद ले सकें।
क्या है नाइट सफारी?
नाइट सफारी का मतलब है रात के समय चिड़ियाघर या जंगल में घूमना, जो विशेष रूप से रात्रिचर जानवरों को देखने का अवसर प्रदान करता है। यह शब्द पहली बार सिंगापुर की नाइट सफारी में इस्तेमाल किया गया था, जो 1994 में खुली थी। अब भारत में पहली बार इस प्रकार की सफारी लखनऊ में स्थापित की जाएगी, जो न केवल एक नई यात्रा परिभाषा देगा, बल्कि भारतीय पर्यटन उद्योग को भी नई दिशा देगा।
कुकरैल नाइट सफारी पार्क पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
कुकरैल नाइट सफारी पार्क उत्तर प्रदेश और देश भर में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह सफारी सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक योगदान देगी। पर्यटकों के आगमन से स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी और पर्यटन व्यवसाय को नया जीवन मिलेगा। साथ ही, यह सफारी प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर के शौकिनों के लिए एक आदर्श स्थल साबित होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना के तहत स्थानीय जैव विविधता का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाएगा। पर्यटकों को प्राकृतिक संतुलन और वन्य जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूक किया जाएगा।
कुकरैल नाइट सफारी पार्क और चिड़ियाघर भारत के पर्यटन नक्शे में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करेगा और यह पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय और अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा।