जयपुर। शब्दों का उत्सव मनाने की परंपरा और दुनिया भर के लिटरेचर फेस्टिवल्स के सिरमौर के रूप में विख्यात, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल एक बार फिर सिद्ध करेगा कि आखिर क्यों यह फेस्टिवल लेखकों, बुद्धिजीवियों और दर्शकों को इतना प्रिय है। इस बार भी दुनिया भर की पुरस्कार विजेता हस्तियां इस फेस्टिवल का हिस्सा होंगी।
यह भी पढ़े-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत को चरितार्थ कर रही है : केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री
जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में 30 जनवरी से आयोजित किए जाने वाले इस फेस्टिवल में नोबेल और बुकर पुरस्कार से लेकर साहित्य अकादमी और पुलित्जर पुरस्कार की सूचियों के लेखक आयोजन का हिस्सा होंगे, जो विचारों और कहानियों की दुनिया को बदल डालने वाली ताकत और ज्ञान का जश्न मनाने के लिए गुलाबी शहर जयपुर में इकट्ठे हो रहे हैं। साल 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के सह-विजेता अभिजीत बनर्जी, अपनी नई किताब छौंक पर बातचीत करेंगे, जिस में भारतीय भोजन, संस्कृति और समाज का एक अद्भुत वर्णन है।
यह भी पढ़े-विकसित राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में युवा शक्ति की सबसे बड़ी भूमिका-मुख्यमंत्री
इसी पुरस्कार की सह-विजेता एस्थर डुफ्लो,अपनी प्रसिद्ध पुस्तक पुअर इकोनॉमिक्स के बच्चों पर केंद्रित संस्करण पुअर इकोनॉमिक्स फॉर किड्स को प्रस्तुत करेंगी। रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार विजेता वेंकी रामकृष्णन अमरत्व की खोज और उम्र बढ़ने के विज्ञान पर आधारित एक शानदार सत्र का हिस्सा होंगे। इसके अलावा एक विशेष लॉन्चिंग ईवेंट में कैलाश सत्यार्थी अपनी नई किताब दियासलाई के विमोचन में शामिल होंगे और इस सत्र की मेज़बानी वरिष्ठ साहित्यकार नमिता गोखले करेंगी।
यह भी पढ़े- महाकुंभ : श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने बनाया नया रिकॉर्ड, 15 करोड़ ने लगाई डुबकी
2024 की अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता जेनी एर्पेनबेक और 2022 की विजेता गीतांजलि श्री जैसे साहित्यकार भी दर्शकों के बीच होंगे। उनके साथ माइकल हॉफमैन और चार्लोट वुड जैसे प्रतिष्ठित लेखक आधुनिक कहानी कहने की कला पर बात करेंगे। भारतीय साहित्य की समृद्धि के प्रतीक के रूप में नमिता गोखले, शशि थरूर, सुधा मूर्ति और इतिहासकार अनिरुद्ध कनीसेट्टी जैसी लेखक भी महोत्सव में शामिल होंगे, जो भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कथाओं से हमारा परिचय कराएंगे।
यह भी पढ़े-राजस्थान पुलिस बैंड की मोहक धुनों पर बही राष्ट्रभक्ति की रसधार
पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता बेंजामिन मोसर और नाथन थ्रॉल के अलावा बैली गिफर्ड पुरस्कार के फाइनलिस्ट जॉन वायंट, जीवनी से लेकर वैश्विक पत्रकारिता आदि विषयों पर चर्चा करते हुए नॉनफिक्शन विधाओं में कहानी कहने की कला पर विस्तार से बात करेंगे। महोत्सव में विलियम डेलरिंपल, पंकज मिश्रा और पल्लवी अय्यर जैसे पुरस्कार विजेता लेखक भी होंगे, जो रचनात्मकता और कथा के नए आयामों को खोज में लगातार सक्रिय हैं।
जयपुर साहित्य महोत्सव लंबे समय से साहित्य प्रेमियों का केंद्र रहा है, जो वैश्विक और स्थानीय आवाज़ों को एक मंच पर लेकर आता है। ये आवाजें साहित्य प्रेमियों को प्रेरित करते हुए आपस में जोड़ती हैं और अच्छे साहित्यिक पाठकों के समक्ष चुनौती भी प्रस्तुत करती हैं।