रोम। यूवेंट्स के मिडफील्डर पॉल पोग्बा पर टेस्टोस्टेरॉन का पॉजिटिव पाये जाने के बाद गुरुवार को चार साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया। इटली की डोपिंग रोधी अदालत ने विश्व कप विजेता फुटबॉलर पोग्बा के सितंबर में पॉजिटिव पाये जाने के बाद इस अधिकतम प्रतिबंध की घोषणा की। 20 अगस्त को उडिनेसे में युवेंटस के मैच के बाद उनकी जांच की गयी थी। वह सीरी ए के इस मैच में नहीं खेले थे और बेंच पर ही थे।
पोग्बा ने इटली की डोपिंग रोधी एजेंसी के साथ कोई समझौता नहीं करने का फैसला किया जिसके बाद यह मामला देश की डोपिंग रोधी अदालत के समक्ष चलाया गया। इटली के गोपनीयता कानून के कारण पोग्बा की सजा को सार्वजनिक नहीं किया गया लेकिन इस मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने गोपनीयता की शर्त पर द एसोसिएटेड प्रेस से इस फैसले की पुष्टि की।
पोग्बा हालांकि इस फैसले के खिलाफ स्विट्जरलैंड स्थिति खेल पंचाट में अपील कर सकते हैं। इस सजा से पोग्बा का करियर खत्म हो सकता है क्योंकि फ्रांस का यह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अगले महीने 31 साल का हो जायेगा। विश्व डोपिंग रोधी संहिता के अंतर्गत चार साल का प्रतिबंध सामान्य है लेकिन अगर कोई खिलाड़ी साबित कर देता है कि उसने जानबूझकर डोपिंग नहीं की, या फिर किसी तरह की मिलावट के कारण ऐसा हुआ तो ऐसे मामलों में डोपिंग की सजा कम की जा सकती है।