चार तस्करों को स्पेशल टास्क फोर्स ने पकड़ा
लखनऊ। तेजी से बदल रहे परिवेश में अब बदमाश भी हाईटेक हो रहे है। कंप्यूटरीकरण करके अत्याधुनिक तरीके से बनाए जा रहे असलहों की फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए एसटीएफ ने चार आरोपियों को जनपद गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके से दो तैयार पिस्टल, 12 अर्धनिर्मित पिस्टल, सात कारतूस, एक खोखा, असलहे बनाने के उपकरण, 1.58 लाख रुपए, कार और एक बाइक बरामद की है। एसटीएफ का दावा है कि उक्त फैक्ट्री से पश्चिम यूपी में करीब 80 पिस्टल सप्लाई की गई है।

यह भी पड़े- 47 लाख रूपये गांजे के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार
अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया की अवैध शस्त्रों का निर्माण कर उनकी तस्करी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनायें प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में मेरठ से निरीक्षक रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में उ0नि0 सुनील कुमार, दुर्वेश डबास,संजय कुमार, हे0कां0 संजय सिंह, अंकित श्योरान, वीरबोस एंव दीपक कुमार की टीम ने फैक्ट्री एरिया मोरटा,थाना मधुवन बापू धाम में छापा मारकर फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर दिया।
फैक्ट्री के मेन गेट के पास एक सफेद बोर्ड लगा हुआ था,जिस पर एसआरएच इण्डिया इंडस्ट्रीज, 696 दिल्ली मेरठ रोड गाजियाबाद लिखा हुआ था। फैक्ट्री के अन्दर चारो तरफ खराद की मशीने लगी हुई थी।
मशीन के आस-पास ही पिस्टल के ट्रिगर गार्ड व ट्रिगर बने रखे हुए थे। मौके से शाहफहद निवासी रफीक कालोनी, डासना थाना वेवसिटी ,शादिक निवासी दीनदायालपुरी, थाना नन्दग्राम, जनपद गाजियाबाद,शिवम निवासी आलमपुर, थाना मुण्डाली, जनपद मेरठ व जावेद निवासी मयूर बिहार डासना, थाना वेवसिटी,जनपद गाजियाबाद को गिरफ्तार कर लिया।
फैक्ट्री की आड़ में चल रहा था पिस्टल का कारखाना
गिरफ्तार अभियुक्त शाह फहद ने पूछताछ पर बताया कि उसकी यह फैक्ट्री एसएचआर इण्डिया इण्डट्रीज के नाम से रजिस्टर्ड है। यहां पर विभिन्न कम्पनी द्वारा दिये गये किसी भी मॉडल के अनुसार मशीनरी पार्ट बनाने का काम किया जाता है। कच्चा माल कम्पनी द्वारा ही उपलब्ध कराया जाता है।
डासना का रहने वाला बब्लू ने आज ही 02 पिस्टल तैयार करके देने के लिए यह पैसा देकर गया है। इस फैक्ट्री की आड़ में पिछले काफी समय से पिस्टल बनाने का काम चल रहा है।
जनपद मेरठ, बुलन्दषहर, गाजियाबाद व आस-पास के जनपदों में हम लोग अब तक वह लगभग 70-80 से अधिक पिस्टल तैयार कर बेच चुके है। शाह फहद के पिता द्वारा भी यह काम किया जाता है इसके पिता .30 बोर की पिस्टल 01 लाख रूपये में तथा .315 बोर के तंमचा 4 हजार रूपये में बेचता है।
कम्प्यूटर की मदद से बनती है पिस्टल
मौके से बरामद 30 बोर के कारतूसों के बारे में आरोपिओ ने बताया कि पिस्टल तैयार करते समय इनकी बोर का नाप लेने व मैगजीन तैयार करते समय यह काम आते है। जिनको उसने शकील उर्फ टोपी से लिया था। शादिक ने बताया कि शाह फहद हमें 8 हजार रूपये महीने के हिसाब से देता है।
शिवम ने बताया कि उसे शाह फहद 18 हजार रूपये महीना देता है। शाह फहद ने उसे एक पेन ड्राईव दिया है जिसमें पिस्टल व अन्य उपकरण तैयार करने की कमाण्ड है। वह इस पेन डाईव को वीएमसी मशीन में लगाकर पुर्जे तैयार करता है।
जावेद उपरेाक्त ने बताया कि वह यहां पर पिस्टल के पार्टस जो उसे शाह फहद उपलब्ध कराता है, को जोडकर पिस्टल व तंमचे तैयार करता है। शाह फहद उसे 01 पिस्टल बनाने की एवज में 5 हजार रूपये तथा 315 बोर का तंमचा बनाने के एवज में 1500 रूपये देता है। तैयार असलहों को शाह फहद सप्लाई करता हैै।