मांड्या। जहां लोग नौकरी, बेरोजगारी व मह्गाई को लेकर सरकार के खिलाफ पदयात्रा निकलते हुए देखा, पढ़ा और सुना होगा। वही, कर्नाटक में 200 कुंवारे शादी न होने के चलते पदयात्रा निकालने जा रहे हैं। यह मामला मांड्या जिले का है। यहां के युवा चामराजनगर जिले स्थित एमएम हिल्स मंदिर के लिए एक अनूठी पदयात्रा करेंगे। दरअसल यहां के पुरुषों को दुल्हन खोजने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
जिसके उपाय के लिए कुंवारों के जरिए यह यात्रा निकाली जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक खासकर जो पुरुष खासकर किसानी के काम में शामिल हैं। ऐसे लोगों की शादी में ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं। वहीं महिला किसान नेता ने कहा, ‘यह जिला कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात था और आज हम इसकी कीमत चुका रहे हैं।
कुंवारों की पदयात्रा में करीब ऐसे 200 युवा शामिल होंगे जिनकी उम्र 30 साल से ज्यादा है। ये युवा ‘ब्रह्मचारीगल’ नामक इस पदयात्रा में शामिल होंगे। मांड्या के पड़ोसी चामराजनगर जिले में प्रसिद्ध एमएम हिल्स मंदिर इस अनूठी पदयात्रा का गवाह बनेगा।
पदयात्रा की घोषणा के बाद पहले 10 दिनों के भीतर करीब 100 अविवाहित पुरुषों ने अपना नाम दर्ज कराया है। यात्रा के आयोजकों ने कहा कि, ‘बेंगलुरु, मैसूरु, मांड्या और शिवमोग्गा जिले के अविवाहित पुरुषों के अलावा कई स्थानीय युवाओं ने अब तक पंजीकरण कराया है। आयोजकों के अनुसार इस यात्रा का मकसद अविवाहित पुरुषों को अपने मानसिक आघात से बाहर निकालना है।
शादी के लिए परेशान इन कुंवारों की यात्रा 23 फरवरी से शुरू होगी। यह पदयात्रा मद्दुर तालुक के केएम डोड्डी गांव से शुरू होगी। इस दौरान पदयात्री तीन दिन में 105 किमी की दूरी तय कर 25 फरवरी को एमएम हिल्स पहुंचेंगे। यात्रियों को भोजन और आवास प्रदान किया जाएगा।
इस यात्रा में केवल 30 वर्ष से अधिक आयु के अविवाहित पुरुषों को भाग लेने की अनुमति होगी। आयोजकों में से एक शिवप्रसाद केएम ने बताया कि, ‘यात्रा का आयोजन उन युवाओं को प्रेरित करने के लिए किया जाता है जो एक उपयुक्त दुल्हन खोजने में असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा, ‘कुंवारे बहुत मानसिक आघात का सामना करते हैं। हम उन्हें प्रेरित करना चाहते थे। हम इस यात्रा को पिछले साल अगस्त में आयोजित करना चाहते थे, लेकिन नहीं कर सके। हम यात्रियों से कुछ भी एकत्र नहीं कर रहे हैं।’