Tuesday, December 10, 2024
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    हिंदी दिवस पर आनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन

    अशोक सिंह

    कविताओं के जरिए बयां की हिंदी की महत्ता

    संस्कृति अपनी हिंदी है,हिंदी से पहचान

    लखनऊ। हिन्दी दिवस के अवसर पर सुरभि कल्चरल ग्रुप द्वारा रविवार के दिन ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन  किया गया। जिसमें प्रेदश के अलग – अलग हिस्सों से रचनाकारों ने अपनी कविताओं के माध्यम से  हिंदी की महत्ता बताई । आनलाइन कवि सम्मेलन के आयोजक सुरभि कल्चरल ग्रुप के सचिव शैलेंद्र सक्सेना ने जानकारी देते.हुए बताया कि
    लखनऊ से मोहिनी मिश्रा ने गुलामी से आजादी तक की एक आवाज़ है हिंदी, प्रेम, एकता ,राष्ट्रीयता की एक अमृत बूंद है हिंदी।
    बरेली से श्रीमती राजबाला धैर्य ने  “गुणगान हिन्द का हिन्दी से।माँ का भाल सजाएँ बिन्दी से।
    लखनऊ से संजय मल्होत्रा “हमनवा” * हिंदी से भला क्यूँ रहते हैं दूर, माथे की बिंदी को बना सको सिंदूर।
    चंदौसी से डा रीता सिंह ने मुक्ति का है बिगुल बजाया मेरी प्यारी हिन्दी ने! जन जन में है जोश जगाया मेरी प्यारी हिन्दी ने !!
    लखनऊ से शिखा श्रीवास्तव ने सरल इतनी है ये भाषा की भारत की निशानी है, समझ लेते है आसानी से बनी हर एक कि बानी है।।
    गजरौला  से  प्रीति चौधरी ने मेरी पहचान है हिंदी मुझे वरदान है हिंदी ! बहे जो ज्ञान की गंगायही अभियान है हिंदी ।
    लखनऊ से  प्रवीन शुक्ल ने हिंदी तुम हमारे माथे की बिंदी हो  इसीलिए तुम्हें एक दिन याद करता हूं अंग्रेजी सर से लेकर पांव तक समाई हुई हूं उड़ने से लेकर बिछाने तक छाई हुई हों।
    रामपुर से अनमोल रागिनी द्वारा हिन्दी  है जन -जन की बोली,हिन्दी है अनुपम  भाषा। फिर जाने क्यों  बदल गयी है?इस हिन्दी की परिभाषा। सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया ।

    इस अवसर पर मुख्य अतिथि व्यंग्यकार और कवि पंकज प्रसून ने  * हिंदी ने भाषाओं के जग में स्थान बनाया है  हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई को इंसान बनाया है  हिंदी के प्रति श्रद्धा प्रेम समर्पण का हम भाव रखें  हिंदी ने  ही भारत भूमि को हिंदुस्तान बनाया है । रचना सुनाते हुए कहा कि हिंदी में दुनिया भर की भाषाओं के शब्दों को समाहित कर लेने की अद्भुत क्षमता है इसी क्षमता को देखते हुए हिंदी में वैज्ञानिक साहित्य में ज्यादा से ज्यादा लिखा जाना चाहिए जब बीएससी और एमएससी की परीक्षाओं को छात्र हिंदी में देने लगेगा तब हिंदी की वास्तविक तरक्की मानी जाएगी।

    कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे रामपुर से जितेन्द्र कमल आनंद ने  संस्कृति अपनी हिंदी से है,हिंदी से पहचान है। ।हिंदी का फहराता झण्डा, प्यारा हिंदुस्तान है।। कविताएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया । कवि सम्मेलन का संचालन अनमोल रागिनी गर्ग द्वारा संयोजक शैलेन्द्र सक्सेना के संयोजन मे किया गया ।
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