जयपुर। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (JIFF) के 17वें संस्करण में राजस्थानी सिनेमा ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। राजस्थान और हिंदी भाषाओं की सात फिल्मों ने फीचर फिक्शन श्रेणी में नामांकन हासिल किया है। ये फिल्में न केवल मनोरंजन प्रदान करती हैं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों को भी उजागर करती हैं।
फैमिली ड्रामा ‘शांति निकेतन’
पारिवारिक संबंधों की जटिलताओं को दर्शाती दीपांकर प्रकाश की फैमिली ड्रामा ‘शांति निकेतन’ को इस श्रेणी में शामिल किया गया है। एस सागर की रोमांटिक एक्शन फिल्म ‘भरखमा’ ने प्रेम और साहस को खूबसूरती से पेश किया है। धर्मेंद्र उपाध्याय की सोशल ड्रामा ‘म्हारी बिंदनी’ समाज में महिलाओं की स्थिति और उनकी चुनौतियों को दर्शाती है।
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अमित कुमार की हॉरर फिल्म ‘जंगल घोस्ट’ रोमांच और भय का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करती है। वहीं मनोज फोगाट की ‘सपना एक उड़ान’ महिला सशक्तिकरण पर आधारित फिल्म है और महिलाओं के सपनों को पंख देने की प्रेरणा देती है। इसके साथ ही सुदीप प्रतिहार की सोशल कमेंट्री ‘काश’ समाज की समस्याओं पर विचारशील दृष्टिकोण पेश करती है। हेमंत सीरवी की मोटिवेशनल ड्रामा ‘छूमंतर’ सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास को बढ़ावा देती है। ये फिल्में राजस्थान की भूमि, संस्कृति और लोगों के जीवन की झलक दिखाती हैं।
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राजस्थान की 21 फिल्मों ने विभिन्न श्रेणियों में नामांकन
बता दें की जिफ में राजस्थान की 21 फिल्मों ने विभिन्न श्रेणियों में नामांकन पाया है, जो राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और सिनेमाई प्रतिभा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करती हैं। फेस्टिवल में 9 शॉर्ट फिक्शन, 7 फीचर फिक्शन, 2 मोबाइल शॉर्ट फिल्म, 2 म्यूजिकल एल्बम और 1 एनिमेशन फिल्म को भी शामिल किया गया है। 17 से 21 जनवरी तक आयोजित होने वाले जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, आईनॉक्स जीटी सेंट्रल, और अन्य स्थानों पर किया जाएगा। इस आयोजन से राजस्थानी सिनेमा को नई पहचान और ऊंचाई मिलेगी।