रिपोर्ट: सिद्धार्थ जैन
जयपुर। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) द्वारा नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में आयोजित राजसखी बायर-सेलर मीट ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए एक सशक्त मंच साबित हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रोत्साहित करना और उनकी गुणवत्ता से खरीदारों को परिचित कराना था। प्रदर्शनी में डेयरी, खाद्य उत्पाद, वस्त्र और हस्तनिर्मित उत्पादों की विभिन्न श्रेणियां शामिल थीं।
डॉ. रमनिका कौर, राज्य परियोजना प्रबंधक, ने बताया कि यह पहल महिलाओं के कौशल विकास और आजीविका सुदृढ़ीकरण के माध्यम से उनके सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में “मिशन पंच रतन” पहल को भी प्रस्तुत किया गया, जो ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करने पर केंद्रित है।
35 प्रमुख कंपनियों ने लिया भाग
इस आयोजन में देशभर की 35 प्रमुख कंपनियों ने भाग लिया। इनमें अमूल, लिशियस, एफडीआरवीसी, बीएफआईएल, देहात, हल्दीराम, डोरसल एक्सपो वेंचर, लाडली फूड्स प्रा. लि., उत्तराखंड एसआरएलएम की नॉन-फार्म टीम, जेप्टो, दमन चोली, सोनम बेकर्स, टीजीओसी, लीड्स कनेक्ट सर्विसेस प्रा. लि., गणपत इंटीरियर्स, कृष्णा इंटीरियर्स, नैचुराइज कंज्यूमर्स, सरस गैलरी और बैक टू बेसिक्स नेचुरली एलएलबी जैसी कंपनियां शामिल थीं।
हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी
कार्यक्रम के दौरान कारीगरों ने अपने हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई, जिसे खरीदारों ने सराहा। डॉ. कौर ने उजाला मिल्क प्रोड्यूसर कोऑपरेशन लिमिटेड और हाड़ौती महिला किसान प्रोड्यूसर कोऑपरेशन से संबंधित जानकारी साझा की।
ओपन फोरम में खरीदारों ने उत्पादों की गुणवत्ता, मानकीकरण, आपूर्ति श्रृंखला और अंतरराष्ट्रीय बाजार में संभावनाओं पर चर्चा की। साथ ही खाद्य उत्पादों, पोल्ट्री और बकरी पालन के लिए आवश्यक लाइसेंस पर भी विचार-विमर्श हुआ।
ग्रामीण कारीगरों और उद्योग का सहयोग
राजसखी ब्रांड के तहत इस आयोजन ने प्रमुख खरीदारों और उद्योग के हितधारकों को एक मंच पर लाकर ग्रामीण कारीगरों के साथ सहयोग को प्रोत्साहित किया। इसके माध्यम से उत्पादों की विविधता और उनकी संभावनाओं का अन्वेषण किया गया।
आगे की दिशा
इस पहल के माध्यम से राजीविका ने ग्रामीण महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास किया, बल्कि उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक पहचान दिलाने की दिशा में भी कदम उठाया। यह आयोजन ग्रामीण आजीविका विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।