kamlesh verma
लखनऊ। प्रदेश में परिवार नियोजन के तहत नसबंदी कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। जिसके चलते जगह-जगह शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करते हुए उनकी नसबंदी की जाती है। ऐसा कराने वालों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन भी दिया जाता है। मलिहाबाद तहसील क्षेत्र के फतेह नगर गांव निवासी राजू रावत की पत्नी लक्ष्मी ने वर्ष 2015 में नसबंदी कराई थी। लक्ष्मी की नसंबदी फेल हो गई और इसके चलते वह गर्भवती हो गईं और रविवार को सीएचसी मलिहाबाद में एक बच्ची को जन्म दिया है।
मलिहाबाद सीएचसी पर मौजूद राजू रावत ने बताया की उन्होंने अपनी पत्नी लक्ष्मी की नसबंदी सीएचसी माल पर 24 दिसंबर 2015 को नसबंदी कराई थी।
नसबंदी के बाद वर्ष 2021 में उसकी पत्नी गर्भवती हो गई जानकारी होने पर राजू ने सीएचसी माल पहुंचकर अधीक्षक को नसबंदी फेल होने की जानकारी दी। तो अधीक्षक में अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांचें करा कर फाइल बनाकर लाने की बात कहीं और महानिदेशक परिवार कल्याण कार्यालय से मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया था।
राजू रावत में सभी प्रकार की जांच करा कर नोटरी हलफनामा सहित पूरी फाइल तैयार की जिसके बाद से उसे सीएससी मलिहाबाद व सीएमओ ऑफिस के चक्कर लगवाए जाते रहे लेकिन उसे मुआवजे की धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई। तब से वह आज भी मुआवजे की आस में इधर उधर भटक रहा है। रविवार को प्रसव पीड़ा होने पर राजू रावत ने अपनी पत्नी लक्ष्मी को सीएससी मलिहाबाद में भर्ती कराया जहां लक्ष्मी ने एक पुत्री को जन्म दिया वहीं राजू रावत की समस्या जस की तस बनी हुई है।