Tuesday, December 10, 2024
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    भूतों का ऐसा खौफ, वीरान हो गया 100 घरों वाला चौका गांव, सिर्फ 4 लोग बचे, पढ़े पूरा मामला

     छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का चौका गांव यहां 15 साल पहले तक 100 घरों वाले परिवार रहते थे। जिसमें अब महज चार लोग रहते हैं। इस पलायन का कारण बड़ा ही चौंकाने वाला है। स्थानीय लोगों की मानें तो इस गांव में लगातार घट रही घटनाओं ने लोगों में भूत-प्रेम और अनहोनी ने आशंकित कर दिया। इसके चलते धीरे-धीरे पूरा गांव पलायन कर गया। जिनके घर हैं, वे गिरते जा रहे हैं। ये गांव उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा है।

    मगर किसी ने इस  गांव की ओर ध्यान नहीं दिया है। बताते हैं कि भूत-प्रेत के डर की वजह से लोग बीमार होने लगे तो वे गांव से पलायन कर छोड़कर चले गए। मगर, लोगों के कथन और वीरान गांव के हालात आपको बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि गांव में भूत-प्रेत और असंतृप्त आत्माओं का डेरा है। यही वजह है कि पूरा का पूरा गांव खाली हो गया। ये गांव छतरपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर है।चौका गांव 15 साल पहले तक आबाद था। गांव में लगभग 100 मकान बने हुए थे। गांव की आबादी भी करीब 400 थी। सब कुछ ठीक चल रहा था फिर अचानक गांव में लोगों को अनजान साए दिखने लगे। गांव में रहने वाले लोग अचानक  बीमार होने लगे।

    कई लोगों की मौत भी  हो गई थी। इसके बाद गांव के खाली होने का सिलसिला शुरू हो गया।गांव की महिलाएं भी अजीब-सी हरकतें करने लगी थी। बच्चों से लेकर बूढ़े और जवान भी बीमार हो रहे थे। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर अचानक ऐसा क्या हो गया है। फिर देखते ही देखते पूरा गांव खाली हो गया। आज भी ग्रामीण गांव में आने से बच रह रहे हैं। अभी अभी उनके मन का डर खत्म नहीं हुआ है। गांव में रहने वाले आत्माराम और बच्चू बताते हैं कि 15 साल पहले तक गांव में सब कुछ ठीक था। अब गांव में सिर्फ 4 लोग ही रहते हैं। इनमें 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग हैं। गांव पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया है।

     

    लोग एक-एक करके पलायन कर गए, लेकिन ना तो गांव में जिला प्रशासन का कोई अधिकारी आया और ना किसी ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर गांव के लोग गांव छोड़कर क्यों भाग रहे हैं।यहां तक कि पटवारी ने भी सुध नहीं ली। कई मकान खाली होने से छतविहीन हो गए हैं। एक हैंडपंप लगा है। इसे यहां रहने वाले लोग जब इस्तेमाल करते हैं तो उसकी आवाज से सुनकर ही लोग डरने लगते हैं।बच्चू यादव और आत्माराम की मानें तो गांव में सिर्फ 4 लोग रहते हैं। इनमें एक चौकीदार, दो पंडित शामिल हैं। इनका कहना है कि पहले गांव में करीब 100 घर थे जो अच्छे से रहते थे। आत्माराम कहते हैं कि 15 साल पहले गांव में भूत-प्रेत के कारण लोग परेशान होने लगे। बच्चू बताते हैं कि भूत-प्रेत की वजह से लोगों को बीमारी होने लगी तो थोड़े-थोड़े समय के अंतराल से लोग गांव छोड़कर चले गए।

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