Monday, December 2, 2024
More
    Homeदेशसुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग पर 17 फरवरी को करेगा सुनवाई

    सुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग पर 17 फरवरी को करेगा सुनवाई

    नयी दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के मद्देनजर अडानी समूह और उसकी सहयोगी कंपनियों की जांच उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख में केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने का निर्देश देने की गुहार लगाने वाली कांग्रेस की नेता जया ठाकुर की याचिका पर पहले से दायर अधिवक्ता विशाल तिवारी और मनोहर लाल शर्मा जनहित याचिकाओं के साथ शीर्ष अदालत 17 फरवरी को सुनवाई करेगी ।

    कांग्रेस की नेता की याचिका में 24 जनवरी 2023 को प्रकाशित हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाए गए हैं कि अडानी समूह की कंपनियों ने अपनी विभिन्न कंपनियों के शेयर की कीमत बढ़ा दी और उसी कीमत पर उन्होंने विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्रों और निजी बैंकों से 82,000 करोड़ रुपये के ऋण हासिल की थी।मुख्य नयायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को डॉ ठाकुर की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की। विशेष उल्लेख के दौरान जया ठाकुर के वकील शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई थी।

    कांग्रेस की मध्य प्रदेश महिला इकाई की महासचिव डॉ. ठाकुर ने अपनी याचिका में अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए अडानी समूह और उसकी सहयोगी कंपनियों पर जनता की गाढ़ी कमाई का लाखों करोड़ों रुपए कथित तौर पर शेयर बाजार और मनी लॉन्ड्री के जरिए की ठगी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने शीर्ष अदालत से पूरे मामले की जांच सीबीआई, ईडी डीआरआई, सीबीडीटी, ईआईबी, एनसीबी, सेबी, आरबीआई, एसएफआइओ आदि केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने की गुहार लगाई है। महिला कांग्रेस की नेता की याचिका में आरोप लगाया गया है कि अदासुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग पर 17 फरवरी को करेगा सुनवाई।

    नयी दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के मद्देनजर अडानी समूह और उसकी सहयोगी कंपनियों की जांच उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख में केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने का निर्देश देने की गुहार लगाने वाली कांग्रेस की नेता जया ठाकुर की याचिका पर पहले से दायर अधिवक्ता विशाल तिवारी और मनोहर लाल शर्मा जनहित याचिकाओं के साथ शीर्ष अदालत 17 फरवरी को सुनवाई करेगी ।

    कांग्रेस की नेता की याचिका में 24 जनवरी 2023 को प्रकाशित हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाए गए हैं कि अडानी समूह की कंपनियों ने अपनी विभिन्न कंपनियों के शेयर की कीमत बढ़ा दी और उसी कीमत पर उन्होंने विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्रों और निजी बैंकों से 82,000 करोड़ रुपये के ऋण हासिल की थी।मुख्य नयायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को डॉ ठाकुर की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की। विशेष उल्लेख के दौरान जया ठाकुर के वकील शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई थी। कांग्रेस की मध्य प्रदेश महिला इकाई की महासचिव डॉ. ठाकुर ने अपनी याचिका में अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए
    अडानी समूह और उसकी सहयोगी कंपनियों पर जनता की गाढ़ी कमाई का लाखों करोड़ों रुपए कथित तौर पर शेयर बाजार और मनी लॉन्ड्री के जरिए की ठगी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने शीर्ष अदालत से पूरे मामले की जांच सीबीआई, ईडी डीआरआई, सीबीडीटी, ईआईबी, एनसीबी, सेबी, आरबीआई, एसएफआइओ आदि केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने की गुहार लगाई है।

    महिला कांग्रेस की नेता की याचिका में आरोप लगाया गया है कि अदानी समूह और उसकी सहयोगियों कंपनियों ने मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और कैरेबियाई द्वीपों जैसे टैक्स हेवन में हवाला के माध्यम से धन हस्तांतरण के लिए विभिन्न अपतटीय शेल कंपनियों की स्थापना की। इस प्रकार वो मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं।
    याचिकाकर्ता डॉ ठाकुर ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की उस निर्णय की जांच करने की भी अदालत से गुहार लगाई है, जिसमें अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में 1600-1800 रुपए (सामान्य बाजार भाव) के बजाय 3200 रुपये प्रति शेयर की दर से सार्वजनिक धन का निवेश करने का फैसला लिया गया था।

    अडानी समूह समूह और उसकी सहयोगियों कंपनियों ने मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और कैरेबियाई द्वीपों जैसे टैक्स हेवन में हवाला के माध्यम से धन हस्तांतरण के लिए विभिन्न अपतटीय शेल कंपनियों की स्थापना की। इस प्रकार वो मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं।याचिकाकर्ता डॉ ठाकुर ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की उस निर्णय की जांच करने की भी अदालत से गुहार लगाई है, जिसमें अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में 1600-1800 रुपए (सामान्य बाजार भाव) के बजाय 3200 रुपये प्रति शेयर की दर से सार्वजनिक धन का निवेश करने का फैसला लिया गया था।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular