Monday, December 2, 2024
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    मोहनलालगंज से कार समेत लापता मालिक का आठ दिन बाद गांव के कुएं में मिला शव

    • पुलिस व सर्विलांस सेल की संयुक्त टीम ने सीडीआर रिपोर्ट से आरोपियों तक पहुंचकर किया हत्या का खुलासा

    मोहनलालगंज। हुलास खेड़ा गांव से कार समेत एक फरवरी से लापता कार मालिक का शव बुधवार की सुबह गांव में पुलिस बूथ से सौ मीटर दूर कुएं से बरामद हुआ। कार मालिक राम अचल की हत्या कर हत्यारों ने शव कुएं में फेंक दिया था।वही मृतक के मोबाइल सीडीआर रिपोर्ट से पुलिस ने हत्या में शामिल गांव के तीन दोस्तों को हिरासत में लेकर हत्या से पर्दा उठाया है। पुलिस का दावा आरोपियों ने पैसों की जरूरत के लिये दोस्त की हत्या कर इको कार को गोसाईंगंज में ज्वैलर्स के यहां एक लाख में गिरवी रख दी थी।
    मोहनलालगंज कोतवाली क्षेत्र के हुलासखेड़ा गांव का रहने वाला मृतक रामअचल (29) पुत्र मिश्री लाल लखनऊ के आशियाना से सीतापुर प्राइमरी टीचरों को ले जाने और लाने का काम करता था। 1 फरवरी 2023 को रोज की तरह ही घर से निकला था। जिसके बाद गांव के ही नशेड़ी दोस्त रास्ते ने उसे रोककर साथ हो लिये और उसे शराब पिलाई और उसके साथ दिन भर घूमते रहे, देर रात गांव किनारे पुलिस बूथ से सौ मीटर दूर लोहे की रॉड से हमलाकर उसकी हत्या कर उसका शव पास के पुराने कुएं में डाल दिया।
    और अगले दिन तीनों ने  परिचित के माध्यम से गोसाईंगंज में एक ज्वैलर्स के यहां इको कार को एक लाख में गिरवी रख दिया। वहीं पति का पता न चलने पर पत्नी सुमन ने देवर रामसमुझ के साथ मोहनलालगंज कोतवाली में पहुंचकर पति की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।पुलिस ने मृतक के मोबाइल की सीडीआर रिपोर्ट मिलने के बाद छानबीन कर मंगलवार की रात गांव के रामसुफल, डीके सिंह और मोहबी कश्यप को हिरासत में लेकर आरोपियों से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो हत्या की वारदात का खुलासा हुआ।एसीपी मोहनलालगंज राजकुमार सिंह ने बताया दोस्तों के ऊपर काफी कर्ज था।और कर्ज उतारने के लिये दोस्त को शराब पिलाकर उसकी हत्याकर उसकी कार गिरवी रखकर एक रुपये हासिल किए थे।

    डीसीपी दक्षिणी पहुंचे मौके पर 

    मोहनलालगंज में कार समेत लापता मालिक का शव बरामद होने की सूचना पर डीसीपी दक्षिणी राहुल राज भी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल कर परिजनों से जानकारी प्राप्त की। इंस्पेक्टर कुलदीप दुबे भी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।

    हत्या के बाद मृतक का मोबाइल चलाते रहे हत्यारे

    रामअचल की हत्या के बाद हत्यारे मृतक का मोबाइल लेकर उसकी एक महिला मित्र की फोटो स्टेटस पर लगा दी, और परिजनों के फोन आने पर बात भी की और राम अचल के पूछने पर राम सुफल ने फोन पर मृतक राम अचल बनकर बताया कि वो बहुत दूर है दो दिनों में वापस आ जायेंगे।इसके बाद मोबाइल फोन को जला डाला था।

    ग्रामीणों ने खड़े किये पुलिस की कार्यशैली पर  सवाल

    ग्रामीणों ने बताया कि 1 फरवरी को देर रात जब रामअचल घर नहीं लौटा तो परिजनों के साथ पड़ोसियों ने इसकी सूचना हल्का पुलिस को दी थी।पर पुलिस ने कहा तलाश कर लो न मिले तब बताना उसके बाद 4 फरवरी को पत्नी सुमन ने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट मोहनलालगंज कोतवाली में पहुंचकर लिखाई थी।इसके बाद भी पुलिस ने कार सहित लापता राम अचल के मामले को गंभीरता से नहीं लिया।जिसके बाद गांव के कुछ लोगों ने कोतवाली पहुंचकर विरोध जताया तब जाकर पुलिस हरकत में आई और उसके फोन की सीडीआर निकलवाई तो परतें खुलती गई और आरोपितों तक पुलिस पहुंची।

    कार गिरवी रखने वाला ज्वैलर्स भी हिरासत में

    पुलिस ने गोसाईगंज में कार गिरवी रखने वाले  शुभम ज्वैलर्स को भी हिरासत लेकर पूछताछ कर रही है।वही ग्रामीणों और परिजनों को कहना है कि ज्वैलर्स ने बिना मालिक के कार गिरवी कैसे रख ली। ज्वैलर्स की सजग होते तो दूसरे दिन ही खुलासा हो जाता।

    कार गिरवी के एक लाख मिलने के बाद चुकाई उधारी 

    आरोपी राम सुफल ने कार गिरवी रखने के अगले दिन 3 फरवरी को मोहनलालगंज कस्बे के एक मोबाइल दुकानदार के यहां पहुंचकर बकाया के दस हजार रुपये अदा किये। ग्रामीणों ने बताया जिस समय वह उधारी देने गया था उस समय आरोपी के साथ कई लोग मौजूद थे।

    परिजनों से मिलकर रोजाना हालचाल ले रहे थे आरोपी

    हत्या में शामिल तीनों आरोपी मृतक के घर व पड़ोसियों के पास पहुंचकर मृतक के बारे में जानकारी करने के लिये भी जाते थे। राम अचल का कुछ पता लगा साथ ही तलाश करने के लिये मदद करने की बात भी परिजनों से कहते थे।

    दो मासूम बच्चों के सर से उठा पिता का साया

    ग्रामीणों ने बताया मृतक रामअचल के माता-पिता का पहले ही स्वर्गवास हो गया था। एक भाई राम समुझ अपने परिवार के साथ अलग रहता है। इन हालातों में मृतक के बेटे गुलशन और बेटी रागिनी की परवरिश करने वाली मां सुमन ही बची है।

    गुमसुम बेटा व बेटी एक कोने में खड़े आने वालों को देख रहे थे

    बुधवार सुबह पिता रामअचल का शव मिलने के बाद बेटा गुलशन और बेटी रागिनी घर के दरवाजे दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़े एक कोने में गुमसुम खड़े होकर दरवाजे आने वाले व रास्ते से गुजरने वाले को लोगों को देख रहे थे।
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