Monday, December 2, 2024
More
    Homeलखनऊकानों में अभी तक गूंज रही धमाकों की आवाज

    कानों में अभी तक गूंज रही धमाकों की आवाज

    Rajpratap Singh

    यूक्रेन से घर पहुंचे छात्र ने सुनाई आपबीती

    लखनऊ। यूक्रेन में भारतीय नागरिक डर में हैं यूक्रेन की सीमा पर अभी भी हजारों भारतीय फंसे हुए हैं। गोला बारूद और टैंक की आवाज अभी भी हमारे कानों में गूंज रही है। अपने घर आकर जरूर राहत की सांस मिली है। ये बातें यूक्रेन से बीकेटी अपने घर पहुंचे छात्र अनुभव सिंह ने कही।उन्होंने बताया कि वह भारत सरकार की मदद से बुधवार की शाम करीब 7 बजे यूक्रेन से जेट एयर इंडिया फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे फिर ब्रहस्पतिवार की सुबह अपने बीकेटी स्थित रेवामऊ गांव पहुंच गए।
    उनके पिता राजकिशोर सिंह और मां ने जैसे ही अपने बेटे को देखा तो गले से लगा लिया व अपने बेटे को माला पहनाकर मिठाई खिलाई और पानी पिलाया।अनुभव ने बताया कि हम लोग बहुत मुश्किल हालात से गुजरे। वहां पर बम के धमाके और मिसाइल के हमले से सभी छात्र बहुत डरे हुए थे।
    उन्होंने बताया कि वह वेनिस्तिया नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस में थर्ड ईयर के छात्र हैं।तथा वेनिस्तिया में ही रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे थे।24 फरवरी को वह अपने घर आने के लिए वेनिस्तिया से क्यूब पहुंचे।
    जहां से उनकी एयर इंडिया की फ्लाइट थी।लेकिन तब तक क्यूब में भी बम धमाके होने सुरु हो गये।वहीं जब पिता ने टीवी पर बम धमाकों की खबर देखी तो बेटे को फोन कर कहा कि वह भारतीय दूतावास को जाएं अनुभव ने कहा कि बहुत हिम्मत करके बच बचाकर हम भारतीय दूतावास तक पहुंचे जहां पर रहने व खाने को भोजन मिला।
    वह खतरनाक मंजर को बताते हुये उन्होंने बताया कि दूतावास से हम सभी लोग कुछ ही दूरी पर हो रहे बम धमाकों को देख रहे थे।फिर दूतावास से 26 फरवरी को हमें एक ट्रेन से कीव में भारतीय दूतावास में भेजा दिया गया जहां से हमें बस द्वारा बार्डर पर सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया।
    जिसके बाद 2 मार्च को हमें जेट एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचाया गया जहां पर भारत सरकार के मंत्रियों ने स्वागत किया।वहीं अनुभव के शकुसल घर पहुंचने पर परिवारीजनों सहित माता-पिता तथा भाई ने भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद कहा।
    RELATED ARTICLES

    Most Popular