लखनऊ। एसबीआई बैंक महाप्रबंधक के बंद मकान को निशाना बना कर तीन दिन पूर्व लाखो की ज्वैलरी सहित नकदी चोरी करने वाले तीन शातिर चोरों को डीसीपी साउथ व कृष्णा नगर क्राइम टीम ने सर्विलांस सेल की मदद से लोकबन्धु अस्पताल के मुख्य गेट से स्काईहिल्टन रोड से गिरफ्तार कर लिया। जबकि पुलिस को घटना में शामिल दो अन्य साथियों की तलाश में जुटी है।

डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि पकड़े गए शातिरों ने अपना परिचय अमित कुमार निवासी ग्राम बरौली थाना बघौली जनपद हरदोई, अभिषेक सिंह उर्फ प्रदीप निवासी खम्भौली थाना बेहटा मुजावरा जनपद उन्नाव समेत नितेश शर्मा निवासी पटेलनगर पश्चिमी थाना माधोगंज जनपद हरदोई के रूप में दिया। जबकि उनके दो फरार साथी का परिचय अर्जुन अरोडा निवासी अज्जू टोला वाली गली निकट पत्थर कटा वाली मस्जिद राजाजीपुरम् थाना तालकटोरा लखनऊ व पिकल सिंह उर्फ पिंकल ठाकुर निवासी ग्राम व पोस्ट खम्भौली थाना बेहटा मुजावर जनपद उन्नाव के रूप में दिया है।
पुलिस के अनुसार पकड़े गए शातिरों की निशानदेही पर एक सोने के जोडी कंगन,एक जोडी चांदी की पायल,एक चांदी की कर्धनी एक चांदी का ब्रेसलेट,एक सोने का हार, एक जोडी कान का झाला एक मांग टीका,एक मंगल सूत्र, घटना में प्रयुक्त बाइक सहित कुल 147,500 रुपये नगद बरामद किया है। जबकि 572,500 रुपये आनलाइन ट्रांसफर हुए खाते को फ्रीज कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार बरामदगी के आधार पर पकड़े गए तीनों शातिरों को थाने में दर्ज चोरी के मुकदमे के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया है।
रैकी कर बंद मकान को बनाते थे निशाना
कृष्णा नगर कोतवाली प्रभारी पी के सिंह ने बताया कि शातिरों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह लोग बंद मकान को निशाना बना चोरी की घटना को अंजाम देते थे। जिसे वह आपस में बांट लिया करते थे। इन लोगो ने बीते 4 मार्च की रात्रि कृष्णानगर थाना क्षेत्र स्थित एलडीए कालोनी में शादी समारोह वाले एसबीआई बैंक महाप्रबंधक श्रीकान्त तिवारी के बंद घर का ताला तोड़कर चोरी की घटना को अंजाम दिया था।
जिस के बाद हरदोई जाकर ज्वैलरी को आपस में बांटकर नगदी को विशाल जन सेवा केन्द्र विलग्राम में जमा कर विभिन्न खातों में आनलाइन ट्रांसफर करवा दिया था। पुलिस के अनुसार पकड़े गए शातिरों के खिलाफ राजधानी के ठाकुरगंज ,तालकटोरा,बीबीडी,आलमबाग समेत थाना मोहम्मदी जनपद खीरी,थाना जोगीघोपा राज्य असम में चोरी,लूट सहित हत्या व हत्या का प्रयास समेत आर्म्स एक्ट की धारा में मुकदमे दर्ज हैं। जहां से वह सभी जेल भी जा चुके हैं।