लखनऊ। विभिन्न प्रकार के फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह के तीन सक्रिय सदस्य को एसटीएफ की टीम ने जनपद लखनऊ के पारा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
अपर पुलिस लाल प्रताप सिंह ने बताया की विभिन्न शिक्षा बोर्ड,यूनिवर्सिटी एवं शैक्षिक संस्थानों की फर्जी कूटरचित मार्कशीट, सर्टिफिकेट एवं अन्य प्रपत्र तैयार करने की शिकायत प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध निरीक्षक अंजनी कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में निरीक्षक आदित्य कुमार सिंह, उपनिरीक्षक मनोज कुमार, मु०आ० विनोद सिंह, सुनील सिंह, प्रभाकर पाण्डेय, गौरव सिंह, प्रशान्त कुमार सिंह, रणधीर सिंह, अखिलेश कुमार, शेरबहादुर की टीम को विश्वनीय सूत्रों से सूचना प्राप्त हुई कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय मोहान रोड थाना पारा के पास मौजूद है।
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इस सूचना पर विश्वास कर एसटीएफ की टीम ने अल्ताफ राजा निवासी ग्राम गनवरिया, पोस्ट- तुलसीपुर, थाना-तुलसीपुर, जिला-बलरामपुर, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव निवासी स्नेह नगर वीआईपी मार्ग पेट्रोल पम्प आलमबाग समेत लक्ष्य राठौर निवासी बेहटा जुडावा मन्दिर श्याम विहार कालोनी फैजुल्लागंज को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार अभियुक्त अल्ताफ राजा ने पूछताछ पर बताया कि हम लोगों का एक गिरोह है जो विभिन्न प्रकार के फर्जी दस्तावेज तैयार करता है। वह इसके पहले दिल्ली में डॉ० एसपी पाण्डेय के साथ मिलकर फर्जी वेबसाइट बनाकर मार्कशीट आदि बनाने का काम करता था। वर्ष-2017 में थाना गीता कालोनी दिल्ली से डा० एसपी पाण्डेय के साथ गिरफ्तार होकर जेल गया था।
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वर्ष 2019 में वह तथा लक्ष्य राठौर थाना चाणक्य पुरी दिल्ली में अन्य साथियों के साथ इसी मामले में जेल गये थे। जेल सग छूटने के बाद लखनऊ आकर पुनः यही काम करना शुरू कर दिया। इसके लिये उसने Go Daddy एवं Big Rock पर बेबसाइट बनायी। जिनमें से कुछ डोमेन bhsedelhi.org, bhsenewdelhi.org, bhsedelhiboard.net, technoglobaluniversitymp.org, dsosresults.co.in, riosupresults.org. bujhanshiresults.org. bssbpatnaresults.co.in, himalayanuniversityresults.com , hsebdelhi.org है।
इन बेवसाइट पर कूटरचित मार्कशीट का रिजल्ट भी अपलोड कर देता था। जिससे लोग बेबसाइट पर रोल नंबर डालकर रिजल्ट ऑनलाइन चेक करते थे जो वह दस्तावेज असली प्रतीत होता था। फर्जी मार्कशीट के आधार पर लोग विभिन्न संस्थानों में नौकरी पा जाते है तो उनका ऑनलाइन वेरीफिकेशन भी कर देता था। फर्जी मार्कशीट व अन्य प्रपत्र आदि बनवाने के लिये 15 से 20 हजार लेता था। जिसे सभी लोग आपस में बाट लेते थे।
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लोगों को फर्जी दस्तावेज कोरियर के माध्यम से भेजता था। लखनऊ में अब तक लगभग 2 हजार से अधिक विभिन्न प्रकार के फर्जी दस्तावेज तैयार कर चुका है। अभियुक्त कृष्ण कुमार श्रीवास्तव उपरोक्त ने बताया कि वह भी फर्जी मार्कशीट के प्रकरण में वर्ष 2009 में थाना विकास नगर से जेल जा चुका है। उसके विरूद्ध धोखाधडी एवं गैंगस्टर एक्ट के 02 मुकदमें है।