Monday, September 16, 2024
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    यूपी ओलंपिक संघ ने CM योगी को लिखा पत्र, खेल विभाग में 75 फीसदी खाली पद पर की जाये नियुक्तियां 

    लखनऊ। ओलंपिक, कामनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन चैंपियनशिप के प्रतिभागी खिलाड़ियों की खेल विभाग में विभिन्न स्तरों पर रिक्त पदों पर उत्कृष्ट खिलाड़ियों की नियुक्तियों सहित खेल हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दो पर उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए है।

    संघ के महासचिव डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ई-मेल के माध्यम से प्रेषित पत्र में लिखा है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश खेल विभाग के अंतर्गत क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी, क्रीड़ाधिकारी, उप क्रीड़ाधिकारी एवं सहायक प्रशिक्षक के 75 फीसदी पद रिक्त हैं जिससे प्रदेश की खेल गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं।

    डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि वर्तमान में आपके नेतृत्व में खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में आरक्षण दिया गया है लेकिन खेल विभाग, उत्तर प्रदेश में समुचित आरक्षण प्राप्त नहीं है।

    उन्होंने इस बात पर हर्ष जताया कि वर्तमान में ओलंपिक, कामनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन चैंपियनशिप के पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी के पदों पर नियुक्ति की व्यवस्था है। हालांकि उक्त प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों एवं रानी लक्ष्मीबाई, लक्ष्मण पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों को नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था के लिए डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है।

    डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने पत्र में लिखा है कि आपसे अनुरोध है कि ओलंपिक, कामनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के साथ रानी लक्ष्मीबाई व लक्ष्मण अवार्ड प्राप्त खिलाड़ियों को क्रीड़ाधिकारी, उप क्रीड़ाधिकारी एवं सहायक प्रशिक्षक के पद पर नियुक्ति की जाये।

    उन्होंने उत्तर प्रदेश खेल विभाग मान्यता प्राप्त व सम्बद्ध खेलों के खिलाड़ियों की नियुक्ति के लिए संक्षिप्त कार्यवाही का अनुरोध किया है। डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने पत्र में यह भी लिखा है कि यदि कहीं शासनादेश में उर्पयुक्त नौकरी हेतु आवश्यक अर्हता / एनआईएस डिप्लोमा की बाध्यता की गयी है तो ऐसी दशा में खिलाड़ी को कम से कम 5 साल के अंदर विभागीय अनुमति से डिप्लोमा करने हेतु अनुमति प्रदान की जाये। इससे प्रदेश के खिलाड़ियों का अन्य प्रदेशों में पलायन रोका जा सकेगा।

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