Tuesday, December 10, 2024
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    क्राइम कंट्रोल के साथ जनमानस में सुधारी पुलिस की छवि1 साल के कार्यकाल में पुलिसिंग को दिए नए आयाम


    लखनऊ। आईपीएस अधिकारी ध्रुव कांत ठाकुर ने कमिश्नरेट में अपनी तैनाती का एक साल गुरुवार को पूरा कर लिया। इस दौरान जहां उन्होंने पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लंबित विवेचनाओं के तत्काल निस्तारण की कार्रवाई करायी, वहीं अपराधों पर लगाम लगाने के सख्त दिशा-निर्देश जारी ही नहीं किये, बल्कि उन पर अमल भी करवाया। बीते तीन वर्षों के आपराधिक आंकड़ों को देखा जाये तो वर्ष 2020 और 2021 के मध्य अपराधों में कमी आयी है। इसके साथ ही अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पांच नये थाने खोलने का प्रस्ताव भी है। इनके लिए जमीन की तलाश की जा रही है। मृदुल और शांत स्वभाव के आईपीएस अधिकारी डीके ठाकुर पीड़ितों की समस्याओं को दूर करने के लिए मेहनत करते हैं।

    बीते एक साल में कई गंभीर मामलों में अपराधियों को जिला बदर समते करीब आठ दर्जन से अधिक पर गैंगस्टर की कार्रवाई के अंतर्गत पाबंद किया गया है। सालों से फरार चल रहे वांछित अपराधियों की भी बड़ी संख्या में गिरफ्तारी की गयी है, जिससे अपराधियों में भय भी व्याप्त हुआ है। इसके अलावा अवैध रूप से एकत्र की गयी अरबों रुपये की अपराधियों की सम्पत्ति को कुर्क किया गया। ठाकुर मानते हैं कि इस समय साइबर फ्रॉड बहुत तेजी से फैल रहा है। इस पर लगाम कसने के लिए जागरूकता फैलाना बहुत आवश्यक है। इसके लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018-19 में 19878, वर्ष 2019-20 में 15090 और वर्ष 2020-21 में 14147 मुकदमे पंजीकृत हुए हैं। जिसमें डकैती के पांच, लूट के 22, हत्या के 77 बलवा के 48, वाहन चोरी के 1303 व दुष्कर्म के 77 मामले सामने आये है। ये आंकड़े पिछले वर्ष की अपेक्षा कम हैं।

    डीके ठाकुर से उनके अब तक कार्यकाल की चुनौतियों और भविष्य की रणनीति के संबंध में बात की। कमिश्नर का कहना है कि मुख्य उद्देश्य आम जनमानस को भयमुक्त कराना है। इसके लिए वह लगातार थानों में जाकर पुलिस की कार्यप्रणाली का निरीक्षण कर रहे हैं। अब तक करीब 66 बार थानों में अर्दली रूम का निरीक्षण कर चुके हैं। निरीक्षण में संबंधित थाने के डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी भी शामिल होते हैं। ऐसे में थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों पर पीड़ित की समस्या का तत्काल समाधान करने का दबाव बना रहता है। साथ ही दर्ज मुकदमों के निस्तारण और उसमें आरोपित अपराधियों को पकड़ने के लिए भी पुलिस तेजी दिखाती है। कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले दारोगा और इंस्पेक्टरों को भी दंडित किया जाता है। थाना क्षेत्र में लगातार किये जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की जाती है। डीके ठाकुर कहते हैं कि वह बगैर किसी दवाब के कार्य करना पंसद करते हैं।

    इस समय खासतौर पर साइबर फ्रॉड बहुत तेजी से फैल रहा है। इस पर लगाम कसने के लिए जागरूकता फैलाना बहुत आवश्यक है। इसके लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं। आम जनमानस किसी भी तरीके से सोशल मीडिया या फेसबुक या अन्य किसी तरीके से अपराधियों द्वारा फैलाये जा रहे जाल में न फंसे, इसके लिए जागरूकता फैलायी जा रही है। अगर किसी के साथ कोई घटना घटी है तो वह तत्काल इसकी जानकारी पुलिस को दे। उन्होंने बताया कि महिला संबंधी अपराधों में कमी लाने के लिए पूरे शहर में पिंक बूथ भी बनवाये गये हैं। 500 महिला पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देकर उन्हें बूथों पर तैनात किया जायेगी।

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