Friday, May 9, 2025
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    फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर 11 वेदियों से की गई माता गोमती की आरती 

    प्राचीन श्रीमनकामेश्वर मठ-मंदिर की ओर से गोमती मैया की आरती की गई

     लखनऊ। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा, सोमवार को लखनऊ में स्थापित  प्राचीन श्रीमनकामेश्वर मठ-मंदिर की ओर से गोमती मैया की आरती की गई।
    डालीगंज गोमती तट पर स्थित मंदिर के उपवन घाट पर महंत देव्यागिरी की अगुवाई में 11 वेदियों से आरती की गई। इससे पहले श्रीमहंत ने आदि गंगा कही जाने वाली माता गोमती में हर्बल गुलाल चढ़ाकर उन्हें नमन् किया। इस अवसर पर रात को मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की होली पर लोक लुभावनी लीला का प्रदर्शन भी किया गया।
    पूर्णिमा पर श्रीमहंत ने सबसे पहले जाकर गोमती नदी में जाकर उनकी पूजा और स्तुति की। उसके बाद होली के पावन अवसर पर उन्हें गुलाल लगाया। इस अवसर पर उपस्थित सभी भक्तों ने माता की जयजयकार की।

    दीपों से जगमगाया उपवन घाट

    सूर्यास्त के बाद प्रदोष बेला में घंटा और शंख घ्वनि के बीच माता की आरती शुरू हुई। महंत देव्यागिरी स्वयं भी एक वेदी पर आरती कर रहीं थीं। इसके अलावा अन्य वेदियों पर गौरजा गिरी सहित अन्य साध्वियों से आरती की गई।
    इस भक्तिमय दृश्य को देखकर भक्त भावविभोर हो गए। इस अवसर पर  रेखा दुबे, मालती शुक्ला, पूजा ने रंगोली सजाई। कहीं ओम् तो कहीं स्वास्तिक आकार में प्रज्जवलित दीपक सजाए गए थें।
    मंदिर में हुई आरती और शिव-पार्वती की लीला का हुआ प्रदर्शन
    शाम को श्रीमनकामेश्वर मठ-मंदिर में भी भव्य आरती की गई। उसके बाद मंदिर प्रागंण में प्रदीप नटराज गु्रप के कलाकारों ने भगवान शिव व माता पार्वती की लीला के प्रसंगों पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। भक्त भगवान की लीला देखकर हर्षित हो उठे। भक्तों ने फूलों की होली भी खेली।  सभी कार्यक्रम मंदिर की मुख्य कार्यकर्ता उपमा पाण्डेय की देखरेख में सम्पन्न हुए।
    श्रीमहंत देव्यागिरी ने  बताया कि होलिका दहन भी एक प्रकार का हवन है। इसलिए उन्होंने होलिका में आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर और पर्यावरण को शुद्ध करने वाले तत्व जैसे लौंग, हवन संविधा, गिलोय, घी, कपूर, गुग्गल,  जौ, तिल, जावित्री, जायफल, नारियल का गोला, पंचमेवा भी डाले गये ।
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