लखनऊ। Forest Festival प्रदेश की नदियों को पुनर्जीवित करने, इन नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाकर प्रवाह अविरल व निर्मल बनाने, मृदा संरक्षण, नदियों के जलागम क्षेत्र (कैचमेन्ट एरिया) में वृक्षावरण सृजित एवं कृषि फसल के साथ वृक्ष, चारा प्रजातियाँ व फल प्रजातियाँ तथा छाया में उगने वाली हल्दी, लहसुन व प्याज जैसी कृषि फसलों को उगाकर कृषकों की आर्थिक स्थिति उन्नत करने हेतु जुलाई के प्रथम सप्ताह में संचालित Forest Festival 2020 के अन्तर्गत गंगा व उनकी सहायक नदियों के तटों पर वृक्षारोपण कर क्षेत्र को हरा-भरा किया जा रहा है।
गंगा व यमुना की 40 से अधिक सहायक नदियों के तटों के दोनों ओर लगभग 21 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 1.5 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किया जाना प्रस्तावित है। प्रदेश में गंगा के किनारे अवस्थित 27 जनपदों में दोनों तटों से 10 कि0मी0 के अन्दर 612 स्थलों पर 6081.09 हेक्टेयर में 67 लाख से अधिक पौधे रोपण कार्य किया जायेगा।
गोमती नदी के Forest तट पर 2007067 पौधे, सरयू नदी के तट पर 440000 पौधे, यमुना नदी के तट पर 837850 पौधे, वरूणा नदी के किनारे 444800 पौधे, घाघरा नदी के तट पर 631050 पौधे, तमसा नदीके तट पर 563625 पौधे, शारदा नदीके किनारे 1000850 पौधे, बेतवा नदी के किनारे 260200 पौधे, राप्ती नदी के दोनों तटों पर 1995583 पौधे, हिण्डन नदी के तट पर 400000 पौधे, आमी नदी के दोनों किनारों पर 570600 पौधे, अरिद नदीके तट पर 160140 पौधे, बादशाही बाग के तट पर 64000 पौधे तथा बागिनके दोनों तटों पर 95650 पौधे रोपित किया जाना प्रस्तावित है।