Monday, September 16, 2024
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    Homeलखनऊभक्तों ने धूमधाम से मनाया माता पार्वती का जन्म

    भक्तों ने धूमधाम से मनाया माता पार्वती का जन्म

    मोहनलालगंज।
    श्री कालेवीर बाबा मन्दिर प्रांगण में हो रही श्री शिव महापुराण की पावन कथा के चौथे दिन आज कथा व्यास शिवम दीक्षित ने माता पार्वती के प्राकट्य, 51 शक्तिपीठों की स्थापना कथा, राजा हिमाचल की तपस्या, माता भगवती का प्रसन्न होना, शनिकादिक मुनियों के श्राप की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुये कथा पण्डाल में माता पार्वती का जन्मोत्सव मनाया। कथा व्यास ने 51 शक्तिपीठों का वर्णन करते हुये कहा कि शंकर जी के रोकने पर भी जिद करके माता सती अपने पिता दक्ष के यज्ञ में शामिल होने गईं। यज्ञ-स्थल पर सती ने अपने पिता दक्ष से शंकर जी को आमंत्रित न करने का कारण पूछा और पिता से उग्र विरोध प्रकट किया जिस पर दक्ष, भगवान शंकर के बारे में सती के सामने ही अपमानजनक बातें करने लगे जिसके अपमान से पीड़ित सती ने यज्ञ-कुंड में कूद कर अपने प्राणों की आहूति  दे दी जिससे हाहाकार मच गया
     भगवान शंकर को जब यह पता चला तो अति क्रोध से उनका तीसरा नेत्र खुल गया। ब्रम्हाण्ड में प्रलय व हाहाकार मच गया । शिव जी के आदेश पर वीरभद्र ने दक्ष का सिर काट दिया और अन्य देवताओं को शिव निंदा सुनने की भी सजा दी। भगवान शंकर ने यज्ञकुंड से सती के शरीर को निकाल कर कंधे पर उठा लिया और दुःखी होकर सारे भूमंडल में घूमने लगे। माता सती का शव लेकर भगवान शिव पृथ्वी पर घूमते हुए तांडव भी करने लगे जिससे पृथ्वी पर प्रलय की स्थिति उत्पन्न होने लगी। पृथ्वी समेत तीनों लोकों को व्याकुल देखकर भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को खंड-खंड कर धरती पर गिराते गए। जब-जब शिव नृत्य मुद्रा में पैर पटकते भगवान विष्णु अपने चक्र से माता के शरीर का कोई अंग काटकर उसके टुकड़े पृथ्वी पर गिरा देते और इस प्रकार माता सती के शरीर के 51 स्थानों पर गिरने वाले अंगों के परिणाम स्वरूप अति पावन 51 शक्तिपीठों का निर्माण हुआ। आचार्य आदित्य द्विवेदी एवं राजेश बाजपेयी द्वारा मुख्य राम किशोर बाजपेई व गुड्डू गुप्ता तथा सह यजमान कमलेश द्विवेदी, हरि गोविन्द मिश्र, राज कुमार अवस्थी से विधिवत पूजन पाठ कराया गया। कथा व्यास शिवम दीक्षित ने कहा कि शिव पुराण धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों को देने वाला है। अतः सदा प्रेम पूर्वक पूर्ण भक्तिभाव से इसे सुनना एवं पढ़ना चाहिए।
    कथा व्यास शिवम दीक्षित तथा उनके सहयोगी संगीतकार सूरज द्विवेदी, दीपक  अवस्थी एवं गोवर्धन तिवारी ने ” प्रगटी हैं पार्वती मैया, हिमांचल घर बाजे बधैया तथा गौरा जनम सुन आई मैना मैया दे दो बधाई ” गाकर भक्तों को भावविभोर कर दिया। शिव महापुराण कथा के इस पावन अवसर पर पत्रकार अखिलेश द्विवेदी, अवनीश पाण्डेय, मुकेश द्विवेदी, ललित दीक्षित, नवीन वर्मा, राघवेन्द्र तिवारी, अनुराग तिवारी एवं मन्दिर समिति के मोहन दीक्षित, विजय द्विवेदी, बसन्त मिश्र तथा शिक्षक देवी शंकर त्रिवेदी, अजय शुक्ला और पुजारी सूर्य कुमार व गुड्डू दीक्षित सहित बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।
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