Thursday, September 12, 2024
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    नगर निगम में सुरक्षित नहीं जन्म-मृत्यु पंजीकरण के दस्तावेज

    लखनऊ। अगर आपके बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र और नाते-रिश्तेदार का मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम से जारी किया गया है तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। असल में, नगर निगम में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र का रिकार्ड सुरक्षित नहीं है। निगम के कार्यालयों में जन्म एवं मृत्यु का रजिस्टर नियमानुसार तैयार नहीं किया जा रहा है।इसमें सिर्फ नाम, जन्मतिथि और पता दर्ज किया जा रहा है। इस पर जनगणना निदेशालय ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है।

    उप निदेशक एके सिंह सोमवंशी की ओर से रजिस्टर को नियमानुसार तैयार करने के लिए अपर नगर आयुक्त को पत्र लिखा गया है। भारत के अपर महारजिस्ट्रार की ओर से विरासत डेटा के डिजिटलीकरण का आकलन करने के लिए पिछले दिनों नगर निगम के जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय का दौरा किया गया था। अधिकारियों ने निरीक्षण में देखा कि अभिलेखों को 19वीं शताब्दी की शुरूआत से लेकर 2011 तक व्यवस्थित तरीके से रखा गया है, लेकिन अभिलेखों को डिजिटाइज करने की कोई भी योजना नहीं बनाई गई है।

    इस संबंध में नगर निगम के अधिकारियों ने अवगत कराया कि उन्हें मुख्य रजिस्टार जन्म-मृत्यु उतर प्रदेश से डिजिटलीकरण योजना के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दी गयी है। उपनिदेशक के अनुसार आदर्श रूप से जन्म प्रमाण पत्र किसी व्यक्ति के जीवन का पहला आधिकारिक दस्तावेज होता है। मृत्यु प्रमाण पत्र किसी का जीवन समाप्त होने का प्रमाण पत्र होता है। जन्म और मृत्यु रजिस्टर की प्रविष्टियां सार्वजनिक दस्तावेज होती हैं तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की चारा 35 के अंतर्गत साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य होती है। यह प्रविष्टियां जन्म मृत्यु, जैसा भी मामला हो, के सदस्य में अंतिम साक्ष्य होती हैं।

    इन प्रविष्टियों के आधार पर जन्म मृत्यु पंजीकरण 1969 की धारा 12 और 17 के प्रावधानों के अंतर्गत जन्म एवं मृत्यु संबंधी प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। यह उस प्रविष्टि से संबंधित व्यक्ति के जन्म अथवा मृत्यु को प्रमाणित करने के प्रयोजन से साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य होते हैं। उक्त अधिनियम के अंतर्गत जारी किया गया प्रमाण पत्र विधिक दस्तावेज होता है। मगर लखनऊ नगर निगम के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि जन्म एवं मृत्य का रजिस्टर नियमानुसार तैयार नहीं किया जा रहा तथा केवल नाम, जन्म तिथि और पता दर्ज किया जा रहा है। इस पर उन्होंने समस्त रजिस्ट्रार को पुराने अभिलेखों डिजिटाइज करने तथा जन्म एवं मृत्यु रजिस्र को नियमानुसार तैयार करने को कहा है।

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