लखनऊ । आखिरकार सीएम आफिस के हस्तक्षेप के बाद ढाई माह से आवास खाली कराने के लिए भटक रहे बुजुर्ग को न्याय मिल गया। घण्टों मशक्कत कर अधिकारियों की टीम ने बेटे को समझाकर बुजुर्ग का आवास खाली करा दिया। परिवार की माली हालत बेहद खराब देखकर अधिकारियों ने बुजुर्ग के दोनों बेटों को आवास दिलाने का भी भरोसा दिया है।
मोहनलालगंज के देवती निवासी बुजुर्ग विद्यादीन ने बीती 17 दिसम्बर को सम्पूर्ण समाधान दिवस में डीएम सूर्यपाल गंगवार से आवास खाली कराने की गुहार लगाई थी। बुजुर्ग विद्यादीन ने बेटे पर ही आवास कब्जाने का आरोप लगाया था। डीएम ने बीडीओ को पुलिस और मजिस्ट्रेट के साथ मौके पर जाकर बुजुर्ग की समस्या का समाधान कराने के निर्देश दिए थे।
लकिन ढाई माह से एड़ियां रगड़ने के बावजूद बुजुर्ग विद्यादीन को न्याय नही मिल सका तो उन्होंने मुख्यमंत्री की जनसुनवाई पहुंचकर अफसरों को आपबीती बताई। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मामले का संज्ञान लिया तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन नायब तहसीलदार महिमा मिश्रा और एडीओ प्रदीप कुमार व दिनेश सिंह के साथ नगराम पुलिस की संयुक्त टीम विद्यादीन के घर देवती पहुंच टीम को बुजुर्ग विद्यादीन व छोटे बेटे के बीच की तल्खी मिटाने पर घण्टों मशक्कत करनी पड़ी।
हालांकि टीम के काफी समझाने पर बेटा गलती मानकर आवास खाली करने पर राजी हो गया। उसने पिता के पैर छूकर गलती का अहसास किया तो पिता-पुत्र भावुक हो गए। अधिकारियों ने बेटे के परिवार के रहने के लिए जगह देने की बात कही तो विद्यादीन अहाते में जगह देने को तैयार हो गया।