लखनऊ। अगर आप कुत्ते पालते हैं तो अब एक फ्लैट या 1 मकान में दो से ज्यादा कुत्ते नहीं पाल सकेंगे। आपका मकान 200 वर्ग गज है तो आपको दो श्वान रखने का ही लाइसेंस मिल सकेगा। नगर निकाय में पंजीकरण के लिए पहली बार पंजीकरण कराने पर श्वानों से पब्लिक न्यूसेंस न करने सम्बंधी प्रमाण पत्र भी देना होगा। प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग अमृत अभिजात की ओर से इसे सभी निकायों में लागू करने का शासनादेश भी जारी कर दिया गया है।
संशोधित एसओपी में कहा है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश व पशु कू्ररता अधिनियम के अनुसार निराश्रित श्वानवंशीय पशुओं को उनके मूल स्थान से विस्थापित किया जाना अवैध है। इन्हें बंध्याकरण व रेबीज टीकाकरण के बाद इनके मूल स्थान पर ही वापस किया जाना है। निराश्रित श्वान पशुओं की निर्भरता खुला कचरा, मांस की दुकानों के अपशिष्ट पर रहती है। साफ-सुथरे इलाकों में निराश्रित श्वानों की संख्या कम है जबकि सघन व खुले खाद्य कचरे की उपलब्धता वाले शहरी क्षेत्रों में इनकी संख्या अधिक है। इसके लिए एसओपी में खाद्य कचरे के प्रबंधन को जरूरी बताया गया है। निकायों में किसी ब्रीडर को बिना पंजीकरण के श्वानों के प्रजनन कराने पर रोक लगायी गयी है। प्रत्येक तीन माह अथवा इससे अधिक की आयु के कुत्ते को निकाय की सीमा में व घर के परिसर में पालने पर पंजीकरण कराना होगा। जो कि एक साल के लिए वैध होगा।
इस बीच श्वान का एंटी रैबीज वैक्सीनेशन की वैधता समाप्त हो जाती है तो लाइसेंस स्वत: निरस्त माना जाएगा। देशी नस्ल के कुत्तों का पंजीकरण निशुल्क किया जाएगा और उनकी सर्जन व वैक्सीन भी निशुल्क लगायी जाएगी। पंजीकरण के लिए कुत्ते का लिंग, रंग, नस्ल व रैबीज टीकाकरण की तिथि की जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही पहली बार आवेदन करने वालों को श्वान से पब्लिक न्यूसेंस न करने संबंधी प्रमाण पत्र भी देना होगा। नॉन ब्रीडिंग वाले कुत्ते की आयु एक वर्ष पूरी होने पर एबीसी सर्जरी व टीकाकरण का प्रमाण पत्र देना होगा। प्रति परिवार आवासीय क्षेत्र में 200 वर्ग गज तक के घर में 2 कुत्ते से ज्यादा का लाइसेंस नहीं मिलेगा। हालांकि विशेष परिस्थितियों में 4 कुत्ते पालने के लिए 300 वर्ग गज मकान की अनिवार्यता रहेगी। आवासीय क्षेत्र में प्रत्येक 2 अतिरिक्त कुत्ते पालने पर 100 वर्ग गज अतिरिक्त स्थान की आवश्यकता होगी।
मगर इसे नजीर नहीं माना जाएगा। जबकि 5 या 5 से अधिक कुत्ते पालने के लिए श्वान पशु शेल्टर के नियम लागू होंगे। वहीं ब्रीडिंग की अनुमति केवल वाणिज्यिक क्षेत्र में ही मिलेगी। पशु स्वामी को प्रादेशिक जीव जंतु पशु कल्याण बोर्ड से लाइसेंस लेना होगा। शेल्टर का प्रत्येक 6 माह में लाइसेंस नवीनीकरण होगा। समय-समय पर पशु चिकित्साधिकारी को निरीक्षण करना होगा। एक घर में दो से अधिक कुत्ते मिलने पर जुमार्ना लगाया जाएगा। इसके अलावा जो लोग लावारिस कुत्ते को पालेंगे उनका पंजीकरण निशुल्क होगा। किसी घायल, असहाय, रोगग्रस्त निराश्रित देशी कुत्तों को शरण देने पर लाइसेंस में छूट दी गयी है लेकिन यह छूट प्रति व्यक्ति सिर्फ चार कुत्तों पर ही रहेगी। प्रत्येक कुत्ते के पंजीकरण के बाद उसके पंजीयन संख्या का टोकन अथवा चिप जारी किया जाएगा जो कुत्ते के गले में व पशु स्वामी के पास रहेगा।