Saturday, October 5, 2024
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    संस्कृत सेवा पोर्टल से मिलेगा लोगों को रोजगार

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, द्वारा ‘‘संस्कृत के प्रचार-प्रसार एवं विस्तार पर परिचर्चा‘‘ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन इंदिरा भवन स्थित कार्यालय में किया गया। समारोह में संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव, ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है।

    शब्द भंडार की दृष्टि से संस्कृत विश्व की सबसे बड़ी भाषा है। देश की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत का एक अलग महत्व है, हमारे आदि ग्रंथ के साथ गणित, विज्ञान, आर्युर्वेद आदि विषयों के महान ग्रंथ की रचना संस्कृत में की गई जो आज हमारे राष्ट्रीय धरोहर हैं। इसके प्रचार प्रसार की जरूरत है जिससे अधिक से अधिक लोग इस भाषा से जुड़ सके।
    श्री श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा सरल संस्कृत संभाषण के अन्तर्गत (ऑनलाईन मिस्डकॉल योजना) के अन्तर्गत अब तक 80,260 व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, इसी प्रकार योग, ज्योतिष पौरोहित्य प्रशिक्षण शिविर आदि विभिन्न जनपयोगी एवं रोजगार परक योजनाओं में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तथा एक संस्कृत सेवा पोर्टल का भी निर्माण कराया जा रहा है। डॉ0 शीलवन्त सिंह संस्थान द्वारा संचालित निःशुल्क सिविल सेवा कोचिंग पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस लाभकारी योजना से अब तक 25 छात्रों का विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन हुआ है।

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