Thursday, May 1, 2025
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    देश और समाज को दिशा देने के लिए निःस्वार्थ भाव से काम करता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-मुख्यमंत्री

    जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधानसभा में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 26 हजार नई भर्तियों की घोषणा की। इनमें शिक्षक, वन विभाग, पुलिस सहित अन्य विभागों के पद शामिल होंगे। इसके अलावा अब राजस्थान दिवस प्रतिवर्ष 30 मार्च की बजाय हिंदू नववर्ष पर मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएं बजट के पारित होने के दौरान कीं।

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    मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन देश और समाज को दिशा देने के लिए निःस्वार्थ भाव से काम करता है। उन्होंने कहा कि संघ में वर्षों तक काम करने के बावजूद व्यक्ति की जाति का पता नहीं चलता, क्योंकि वहां जातिवाद की राजनीति नहीं होती।

    मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र में यमुना का पानी लाने के लिए हरियाणा सरकार के साथ मिलकर 5 मार्च को संयुक्त डीपीआर तैयार करने के लिए टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्य चुनावी व्यस्तताओं के कारण कुछ समय के लिए रुका हुआ था, लेकिन अब इस पर काम शुरू हो गया है। सरकार ने दौसा और बालोतरा में नगर विकास न्यास (यूआईटी) बनाने की घोषणा की है।

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    इससे इन क्षेत्रों में शहरी विकास को गति मिलेगी और बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा। उन्होंने कोटा उत्तर के विधायक शांति धारीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि अब उन्हें महिला सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। उन्होंने धारीवाल के उस पुराने बयान की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि “राजस्थान मर्दों का प्रदेश है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि धारीवाल के इस बयान पर विधानसभा चुनावों में काफी सियासत हुई थी।

    मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएं

    प्रदेश सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए विकासोन्मुखी योजनाओं की घोषणा की है। प्रदेश में जल संकट को देखते हुए 2500 नए हैंडपंप लगाए जाएंगे, वहीं गर्मियों के दौरान पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिले के कलेक्टर को एक करोड़ रुपये का अनटाइड फंड प्रदान किया जाएगा, जिससे वे पानी टैंकरों की व्यवस्था कर सकेंगे।

    सड़क विकास के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10 करोड़ रुपये की लागत से सड़कें बनाई जाएंगी, जिनमें से 5 करोड़ रुपये से मिसिंग लिंक सड़कों का निर्माण होगा। यातायात सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जीरो एक्सीडेंट ज़ोन चिन्हित किए गए हैं और हाईवे के किनारे ड्राइवरों के लिए विश्राम स्थल बनाए जाएंगे। इसके अलावा, 10 ऑटोमेटिक टेस्टिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 2000 नए परमिट जारी किए जाएंगे।

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    राज्य के सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देने के लिए 30 मार्च को राजस्थान दिवस का व्यापक स्तर पर आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनमें जयपुर में जोधपुर आईआईटी का कैंपस खोलने का प्रयास और “मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान” की शुरुआत शामिल है। इसके अलावा, राजसमंद में भेड़ व ऊंटपालकों के बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय खोला जाएगा।

    महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए “लखपति दीदी योजना” के तहत दिए जाने वाले बॉन्ड की राशि एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये कर दी गई है। वहीं, सामाजिक कल्याण के तहत देवनारायण कोष में 450 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। किसानों को सशक्त बनाने के लिए 7000 सोलर पंप लगाने हेतु अनुदान दिया जाएगा, जबकि दिव्यांगजनों के लिए 2500 स्कूटी वितरित करने की योजना बनाई गई है।

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    पशुधन विकास को गति देने के लिए पाली में देसी पशुओं के लिए पहला “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” स्थापित किया जाएगा, जिस पर 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। भरतपुर में नया बायोलॉजिकल पार्क भी बनाया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पेट्रोलिंग यूनिट की संख्या बढ़ाई जाएगी, पुलिस के लिए 400 नए वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे और 70 नई फॉरेंसिक मोबाइल यूनिट्स की भी व्यवस्था होगी।

    राज्य में डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देने के लिए “राजस्थान डिजिटल मिशन” की शुरुआत की जाएगी, जिसके अंतर्गत नई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग नीति लागू की जाएगी। प्रशासनिक सुधारों के तहत मंत्रालय कर्मचारियों के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाएगा और राज्य प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन परिषद की स्थापना की जाएगी।

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    शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के तहत 50 नए प्राइमरी स्कूल खोले जाएंगे, जबकि 100 स्कूलों को क्रमोन्नत किया जाएगा। साथ ही, विधायक निधि से अब गैर सरकारी संस्थाओं को 25 लाख रुपये तक की सहायता दी जा सकेगी, जो पहले 10 लाख रुपये तक सीमित थी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा की राज्य सरकार की ये घोषणाएं समावेशी विकास और जनकल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो राज्य की प्रगति में मील का पत्थर साबित होंगी।

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