Sunday, October 13, 2024
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    Homeउत्तर प्रदेशटीबी की जाँच में तेजी लाने के लिए तैनात होंगे सैम्पल ट्रांसपोर्टर

    टीबी की जाँच में तेजी लाने के लिए तैनात होंगे सैम्पल ट्रांसपोर्टर

    • हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से जाँच केंद्र तक सैम्पल पहुंचाने का करेंगे काम 
    • एक सैम्पल ट्रांसपोर्टर के जिम्मे होंगे चार से सात हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
    • प्रति सैम्पल के हिसाब से दिया जाएगा मानदेय  
    मोहनलालगंज (मनोज कुमार यादव )। टीबी मरीजों की जाँच में तेजी लाने के लिए सरकार की तरफ से एक नई पहल की गयी है। इसके तहत आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से निकटतम परीक्षण केंद्र तक सैम्पल पहुंचाने के लिए सैम्पल ट्रांसपोर्टर की मानदेय के  आधार पर तैनाती की जाएगी। इससे बलगम कलेक्शन के बाद जाँच रिपोर्ट जल्दी से जल्दी आने की राह आसान बन सकेगी।
    राज्य क्षय नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि प्रदेश को तय समय में टीबी मुक्त बनाने में यह पहल अहम भूमिका निभाएगी। घर के नजदीक ही संभावित टीबी मरीजों के बलगम कलेक्शन की व्यवस्था आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर की गयी है। इसलिए दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आने, बुखार बना रहने, वजन गिरने, खांसते समय खून आने जैसी समस्या हो तो तत्काल नजदीकी सेंटर पर सम्पर्क करें, क्योंकि यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं।
    सैम्पल को जल्द से जल्द निकटतम परीक्षण केंद्र तक पहुंचाने की भी व्यवस्था अब कर दी गयी है। इसके लिए रूट चार्ट और माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत एक सैम्पल ट्रांसपोर्टर को चार से सात हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से सैम्पल ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी दी जायेगी ताकि सैम्पल उसी दिन जाँच केंद्र तक आसानी से पहुँचाया जा सके और रिपोर्ट में टीबी की पुष्टि होने के बाद जल्दी से जल्दी उनका इलाज शुरू किया जा सके।
    डॉ. भटनागर ने बताया कि प्रदेश के करीब 19 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए 2886 सैम्पल ट्रांसपोर्टर को मानदेय के आधार रखे जाने की योजना है। इसके लिए सेंटर पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ आफीसर (सीएचओ), आशा और एएनएम को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। सैम्पल पैकिंग, जाँच केंद्र भेजने और रिपोर्ट को निक्षय पोर्टल पर समय से अपडेट करने की जिम्मेदारी सीएचओ की होगी। सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत करते हुए उनकी आईडी बना दी गयी है। सीएचओ किसी भी तरह की समस्या आने पर सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर व अन्य द्वारा मदद प्राप्त कर सकते हैं।
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