लखनऊ। विवेक चटर्जी के लेखन व संगम बहुगुणा के निर्देशन में नाटक हनीमून का मंचन संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे प्रेक्षागृह में किया गया। सोमेश एक प्राइवेट कंपनी में जनसंपर्क अधिकारी है वह अपने बॉस से झूठ बोलकर छुट्टी लेता है कि वह अपनी नानी के श्राद्ध में शामिल होने जबलपुर जा रहा हैl
परंतु सच्चाई यह थी कि वह अपनी प्रेमिका मीनाक्षी से शादी करके हनीमून मनाने नैनीताल अपने ही गेस्ट हाउस में आ जाता है l दुर्भाग्यवश उसका बॉस भी उसी गेस्ट हाउस में ऑफिस के काम से आ पहुंचता हैl अपने बॉस को देखकर सुबह तो हड़बड़ी में गेस्ट हाउस छोड़ करके भाग जाता है पर उसकी पत्नी वही छूट जाती है l
अपनी पत्नी को गेस्ट हाउस से निकालने के लिए सुमेश को कई तरह के हथकंडे अपनाने पड़ते हैंl अपने दोस्त को और दोस्त की गर्लफ्रेंड को भी भेजता है पर बॉस के आगे किसी की कोई दाल नहीं गलती है l बड़ी ही असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है मन में तरह-तरह के विचार उठने लगते हैं सोमेश के मन में अपने बॉस के प्रति और उनकी पत्नी के मन में अपने पति सुमेश के प्रति न जाने क्या क्या विचार आने लगते हैं जो कि हादसे से परिपूर्ण होते हैं l
इसी लुकाछिपी में भरपूर खास की स्थिति पैदा होती है अंत में विवश होकर के सोमेश अपने मैनेजिंग डायरेक्टर के सामने आता है और फिर भी वह अपने आप को कुंवारा ही दर्शाता है परंतु उसका एमडी जिसे सब कुछ पहले से ही पता था जानबूझकर अनजान बनकर के सुमेश से मीनाक्षी का हाथ थामने को कहता है तो सोमेश तुरंत तैयार हो जाता है वह सोचता है कि एमडी को कुछ भी पता नहीं अंत में एमडी कहता है सब समझते हैं कि मैं कुछ नहीं समझता पर मैं सब कुछ समझता हूं l
तब उन्हें पता चलता है कि एमडी. को तो सब कुछ पहले पहले से ही जानता थाl बहुत ही रोचक है नाटक हनीमून हनीमून के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं यह आपको दिखाई देगा इस नाटक हनीमून में कलाकारों से सोमेश की भूमिका में है नितीश भारद्वाज ,मीनाक्षी यानी कि मीनू में है- तान्या सूरी, रघु जो नौकर है गेस्ट हाउस का उसकी भुमिका में पारो के रोल में है मिनी दीक्षित,, एमडी के रोल में है आशुतोष विश्वकर्मा,,, विनय के रोल में है अंकुर सक्सेना और विनय की मित्र नीना के रोल में है निशा तिवारी l