लखनऊ। खैनी, जरदा, हुक्का, तंबाकू युक्त पान मसाला, बीड़ी, सिगरेट,मावा मिसरी, गुल एवं अन्य धुआं रहित तंबाकू में विषैले और कैंसर कारक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे मुंह का कैंसर हो सकता है। करीब 95 प्रतिशत मुंह के कैंसर की वजह तंबाकू सेवन है।यह जानकारी राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में स्टाफ नर्स, काउन्सलर और गैर संचारी रोगों के स्टाफ लिए आयोजित कार्यशाला में दी गयी। जिला तंबाकू सलाहकार डा. मयंक चौधरी ने तंबाकू और तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया कि तंबाकू का सेवन जानलेवा साबित होता है। चाहे वह किसी भी रूप में लिया जाये ।
किशोरावस्था में तंबाकू के सेवन से नपुंसकता तक आ सकती है। शराब, ड्रग्स, तंबाकू के सेवन से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है इसलिए तंबाकू सेवन बिलकुल भी न करें। डा. मयंक ने सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि कोटपा अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना अपराध है।
इसके साथ ही तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है,18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को और व्यक्ति के द्वारा तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है। शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि तंबाकू या तंबाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित करना अनिवार्य है। बलरामपुर जिला अस्पताल स्थित तंबाकू उन्मूलन केंद्र की काउन्सलर डा. रजनीगंधा श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र पर न केवल तम्बाकू छोड़ने के बारे में काउंसलिंग की जाती है बल्कि नि:शुल्क दवाएं भी दी जाती हैं। वहां पर आए लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रक्षिणार्थी लोगों को इस केंद्र के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दें ताकि लोग इस केंद्र का लाभ उठा पायें।