परिवहन विभाग एवं मारूति सुजकी इंडिया के मध्य हुआ एमओयू
लखनऊ। परिवहन विभाग एवं मारूति सुजकी इंडिया लि0 के मध्य कुल 10 डीटीटीआई (ड्राइविंग ट्रेनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टीट्यूट) एवं 02 एडीटीटी कुल 12 जगहों पर सीएसआर फण्ड से निःशुल्क आटोमेशन किये जाने हेतु एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। इस अवसर पर परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में यह मील का पत्थर साबित होगा।
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सबसे ज्यादा हाईवे वाला प्रदेश
परिवहन मंत्री ने कहा कि उ0प्र0 जनसंख्या की दृष्टि से देश में प्रथम स्थान पर है। साथ ही सबसे ज्यादा हाईवे वाला प्रदेश भी है। प्रदेश में यात्रा करने में 20-20 घंटे लग जाते थे, वहीं अब केवल यात्रा करने में 07 से 08 घंटे ही लगते हैं। कुछ समय पूर्व बलिया से लखनऊ आने में उन्हें खुद 14 से 15 घंटे लगते थे। अब एक्सप्रेसवे के बनने से यह दूरी 04 से 05 घंटे में तय हो जा रही है। सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत आज 12 जगहों पर ड्राइविंग के लिए इस्टीट्यूट हेतु मारूती सुजकी के साथ बड़ा एमओयू हुआ। इससे प्रदेश में अब कुशल ड्राइवर उपलब्ध होंगे।
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मारूति सुजकी 12 ड्राइविंग ट्रेनिंग इस्टीट्यट उपलब्ध करायेगा
परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा को विभाग ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया और सड़क सुरक्षा की बाधाओं को दूर करने के लिए विभाग निरन्तर प्रयास भी कर रहा है। प्रदेश में कुल 10 जगहों मुरादाबाद, मेरठ, बस्ती, मिर्जापुर, बरेली, झांसी, अलीगढ़, देवीपाटन-गोण्डा, आजमगढ़ एवं मुजफ्फरनगर में डीटीटीआई एवं आजमगढ़ एवं प्रतापगढ़ में एडीटीटी के संचालन हेतु उक्त एमओयू हुआ है। बहुत जल्द ही मारूति सुजकी 12 ड्राइविंग ट्रेनिंग इस्टीट्यट उपलब्ध करायेगा। परिवहन विभाग स्क्रैप पालिसी, फिटनेस एवं ड्राइविंग स्कूल से लेकर हर क्षेत्र में अव्वल है। जिसकी कार्यप्रणाली की प्रशंसा देश के अन्य राज्यों में भी हो रही है।
17 ड्राइविंग ट्रेनिंग टेस्टिंग इंस्टीट्यूट प्रदेश में संचालित होगे
परिवहन मंत्री ने कहा कि गाड़ी चलाना महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि सड़क सुरक्षा के सभी नियमों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। इन सेंटरों पर कुल 08 प्रकार के टेस्ट की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागरा एवं मथुरा में मारूति सुजकी के साथ परिवहन निगम का एमओयू हो चुका है। इस प्रकार कुल 17 ड्राइविंग ट्रेनिंग टेस्टिंग इंस्टीट्यूट प्रदेश में संचालित होगे। पहले ड्राइविंग की ड्राइविंग ट्रेनिंग की व्यवस्था जहाजों के उड़ाने वाले पायलटों को थी,परन्तु डीटीटीआई के संचालन से यह व्यवस्था अब आमजन को भी मुहैया होगी।
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सड़क दुर्घटनाओं में भी उल्लेखनीय कमी आयेगी
अपर मुख्य सचिव परिवहन एल0 वेंकटेश्वर लू ने कहा कि परिवहन विभाग बेहतर कार्य कर रहा है। दुर्घटनाओं के पश्चात दुर्घटना स्थल पर अधिकारियों के भेजने एवं बेहतर इलाज की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देशों का पालन भी सुनिश्चित किया जाता है। एमओयू के पश्चात कुशल ड्राइवरों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे कि सड़क दुर्घटनाओं में भी उल्लेखनीय कमी आयेगी। साथ ही विभाग वाहनों के फिटनेस एवं ओवर स्पीडिंग व ओवर लोडिंग के दिशा में भी निरन्तर अभियान चलाता है।
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सक्षम उम्मीदवारों को ही ड्राइविंग लाइसेंस
इस अवसर पर मारूति सुजकी इंडिया लि0 के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राहुल भारती ने कहा कि सड़क सुरक्षा जैसे इस महत्वपूर्ण परियोजना में हमारे ऊपर भरोसा करने के लिए हम आभार व्यक्त करते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की मूल्यांकन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और स्वचालित बनाने का कार्य करेंगे। ड्राइविंग लाइसेंस टेस्टिंग का आटोमेशन एक सकारात्मक बदलाव के दौर का शुरूआत करेगा। जो केवल सक्षम उम्मीदवारों को ही ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करना सुनिश्चित करके सड़क दुर्घटनाओं को कम से कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
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इस अवसर पर परिवहन आयुक्त चंद्रशेखर सिंह, एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर, विशेष सचिव केपी सिंह, मि0 तरून अग्रवाल, सीनियर वाइस प्रेसीडेंड सीएसआर हेड मारूति सुजकी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।