Tuesday, October 15, 2024
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    यूपी के बीमार पशुधन के लिए डॉक्टर एक कॉल पर उपलब्ध होंगे

    पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना  नए युग का सूत्रपात है- योगी

    लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना पशुधन के क्षेत्र में नए युग का सूत्रपात है। उन्होंने कहा कि 520 मोबाइल वेटरनरी वैन आज से प्रदेश के सभी जनपदों में पशुपालकों के लिए उपलब्ध रहेंगी। यह योजना वास्तव में उत्तर प्रदेश के पशुधन संरक्षण और संवर्धन के नए अध्याय की शुरुआत है।

    पशुओं के नस्ल सुधार के लिए एक बड़ा अभियान

    सीएम योगी ने  कहा कि भारत सरकार के साथ मिलकर पशुओं के नस्ल सुधार के एक बड़े अभियान को हम लोग आगे बढ़ा रहे हैं। निराश्रित गोवंश के संरक्षण के 6 हजार 600 से अधिक आश्रय स्थल प्रदेश में स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के अंदर कुल 12 लाख गोवंश हैं, उनमें से 11 लाख के संरक्षण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठा रही है, जिसमें प्रति गोवंश सरकार नौ सौ रुपए दे रही है।

    तीन प्रकार की योजना चल रही

    सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार गोवंश संरक्षण के लिए तीन प्रकार की योजना चला रही है। पहली योजना के अंतर्गत निराश्रित गो आश्रय स्थलों में 10 लाख के आस-पास गोवंश को रखकर उनकी सेवा की जा रही है। दूसरा कार्यक्रम मुख्यमंत्री सहभागित योजना है। इसके तहत कोई भी किसान अपने घर में चार गोवंश रख सकता है, सरकार उसे नौ सौ रुपए प्रति गोवंश हर माह डीबीटी के माध्यम से दे रही है। तीसरी योजना के तहत कुपोषित परिवारों को हम गोवंश उपलब्ध करा रहे हैं।

    मूक जीवों को संरक्षण देने का कार्य

    सीएम योगी ने कहा कि आजादी के बाद किसी ने सोचा नहीं होगा कि यहां के पशुपालकों द्वारा उत्पादित होने वाले दुग्ध को वैश्विक बाजार में स्थान क्यों नहीं मिल पा रहा है। उसका कारण था बीमार पशुओं के दुग्ध के नमूने फेल हो जाते थे। यह पहली बार हुआ है जब खुरपका और मुंहपका जैसी बीमारी को समाप्त करके मूक जीवों को संरक्षण देने कार्य किया जा रहा है। अपने पशुपालकों के उत्पादों को वैश्विक बाजार में उपलब्ध कराकर उनकी आमदनी को कई गुना बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोबरधन योजना किसानों की अतिरिक्त आमदनी का स्रोत बना है। गाय के गोबर से आज पेंट बन रहा है। इसको बढ़ाने के लिए राज्य सरकार नए कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है।

    जैविक खेती को बढ़ावा

    सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों में हम गो-आधारित प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके तहत हम सवा लाख हेक्टेयर भूमि में खेती की कार्रवाई को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि इसमें बढ़ोतरी हो इसके लिए हमने बुंदेलखंड के सातों जनपदों को इसमें जोड़ा है। एक देसी नस्ल की गाय एक वर्ष में तीस एकड़ खेती को विषमुक्त बना सकती है। यह कार्यक्रम भी प्रदेश में युद्ध स्तर पर प्रारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ लिविंग का स्तर बढ़ा है। वहीं दूसरी तरफ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी उत्तर प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश निवेश का बेहतर गंतव्य बनकर उभरा है जो प्रदेश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम बना है।

    योजना का कैसे मिलेगा लाभ

    प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि पशु उपचार, पशुपालक के द्वार योजना भारत सरकार के सहयोग से संचालित हो रही है। सरकार द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही इस योजना में पशुपालकों से केवल उनके पशुओं के पंजीकरण का शुल्क लिया जाएगा। टोल फ्री नंबर पर कॉल के एक घंटे के अंदर ही मोबाइल वेटरनरी यूनिट पशुपालक के द्वार पर होगी। योजना के लिए प्रदेश को पांच जोन (लखनऊ, वाराणसी, गोरखगुर आगरा और मेरठ) में बांटा गया है, जिन्हें पांच ऑपरेटर संचालित करेंगे। जनपदों में सभी मोबाइल वेटरनरी यूनिट हाइब्रिड मॉडल पर संचालित होंगी जो देश में अपने तरह का अनूठा मॉडल है। जनपद में 50 प्रतिशत वाहन निर्धारित रूट पर चलेंगे, जबकि 50 प्रतिशत वाहन इमरजेंसी सेवाओं के लिए टोल फ्री नंबर 1962 के माध्यम से संचालित होंगे। इमरजेंसी सेवाएं प्रातः 10 बजे से आठ बजे तक संचालित होंगी। वहीं निर्धारित रूट पर संचालित होने वाली वैन प्रातः आठ बजे से दोपहर दो बजे तक कार्य करेंगी। निदेशालय में स्थापित एकीकृत कंट्रोल एवं कमांड सेंटर द्वारा सभी मोबाइल वेटरनरी यूनिट की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी।
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