Saturday, January 18, 2025
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    कैदी ने शौचालय के रोशनदान से फाँसी लगाकर दी जान

    सुसाइट नोट में लिखा झूठे आरोप में पुलिस ने फसाया, जेल अधीक्षक ने न्यायिक जांच के दिए निर्देश
    लखनऊ। जिला कारगर में 25 साल के एक विचाराधीन कैदी ने सोमवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले सुसाइड नोट लिखा है जिसमे पुलिस पर डकैती के झूठे केस में फसाकर जिंदगी खराब करने का आरोप लगाया है। जेल अधीक्षक आशीष तिवारी का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी न्यायिक जांच करवाई जा रही रही।
    सीतापुर के बिसवां थानाक्षेत्र के जलालपुर गाँव निवासी रूपेश कुमार (25) को गोसाईगंज पुलिस ने 12 अगस्त को डकैती के केस में गिरफ्तार किया था। तभी से रूपेश लखनऊ जेल में था। उसे एक नम्बर सर्किल में हाता नम्बर 4 के 13 नम्बर बैरक में रखा गया था। जेल प्रशासन के मुताबिक सोमवार देर रात उसने बैरक की खिड़की के सहारे गमछे के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह उसे लटका देख जेल में हड़कंप मच गया।
    पुलिस ने जिंदगी खराब कर दी अब जीने से क्या फायदा
    रूपेश के झोले से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ जिसे पढ़कर जेल कर्मियों की भी आंखे भर आयीं। उसने लिखा है भाई पुलिस ने झूठे केस ने फसाकर जिंदगी बर्बाद कर दी। ऐसे केस में फसाया है कि कई साल तक जमानत नही होगी। परिवार की आर्थिक हालत जिस तरह की है हम लोग मजबूती से अपनी पैरवी भी नही कर पाएंगे। अपने और परिवार के लिए बहुत सपने देखा। सोचा था कुछ करके परिवार के हालात सुधारूँगा। लेकिन पुलिस ने सब खत्म कर दिया। जेल में ही जिंदगी काटने से अच्छा मरना ही है।
    सच सामने लाने के लिए होगी ज्यूडिशियल इनक़्वारी
    जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि रूपेश ने नोट में बहुत ही गम्भीर आरोप लगाए हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर नोट को भी टेस्ट के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। घटना की न्यायिक जांच की संस्तुति के साथ उच्चाधिकारियों को पत्र भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि घटना के समय किन वार्डर की ड्यूटी थी और उनसे क्या लापरवाही हुई इसकी भी जांच हो रही है। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
    मुनीम से लूट में मामले में पुलिस ने भेजा था जेल
    गोसाईगंज में एक व्यापारी के मुनीम से 40 लाख रुपये की लूट हुई थी। पुलिस ने सीतापुर के चार युवकों को पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा। 12 अगस्त को रूपेश सहित दो को पकड़ा गया और मुकदमे में नाम शामिल कर जेल भेज दिया था। इंस्पेक्टर गोसाईगंज अमरनाथ वर्मा का कहना है घटना की छानबीन में जो नाम सामने आए उनकी गिरफ्तारी की गई थी।
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