लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि उ0प्र0 में ईको-पर्यटन विकास बोर्ड के गठन का प्रस्ताव 15 दिन के अन्दर तैयार किया जाये, ताकि इसे मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जा सके। ईको-पर्यटन विकास बोर्ड के गठन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में स्थित ईको-सिस्टम के अन्तर्गत आने वाले स्थलों का संरक्षण, संवर्धन एवं इसका विकास कर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही रोजगार का सृजन एवं राजस्व में बढ़ोत्तरी करना है।
पर्यटन मंत्री आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन में मा0 पर्यावरण वन एवं जलवायु परिर्वतन राज्य मंत्री (स्वंतत्र प्रभार) अरूण कुमार सक्सेना तथा आयुष राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर मिश्र दयालु के साथ ईको पर्यटन बोर्ड गठन करने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश एवं कर्नाटक राज्यों में गठित ईको टूरिज्म बोर्ड के गठन से पहले एवं बाद की उपलब्धियों की तुलनात्मक जानकारी भी प्राप्त कर ली जाये। उन्होंने मैनपुरी स्थित समन वाइल्ड लाइफ सैन्चुअरी को प्रस्ताव में शामिल करने के निर्देश दिये।
श्री सिंह ने बताया कि प्रस्तावित बोर्ड मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में गठित किया जायेगा। जिसमें पर्यटन मंत्री, वन मंत्री तथा मा0 आयुष मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा बोर्ड में अधिशासी निदेशक अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव पर्यटन तथा निदेशक प्रशासन-महानिदेशक पर्यटन, निदेशक ईकोलॉजी-प्रधान मुख्य वन संरक्षक/विभागाध्यक्ष एवं 02 अपर निदेशक प्रबंध निदेशक उ0प्र0 राज्य पर्यटन विकास निगम लि0, पीसीएस संवर्ग का एक नियुक्त अधिकारी तथा अपर निदेशक मुख्य वन संरक्षक पारिस्थितकीय विकास, लखनऊ एवं प्रबल निदेशक उ0प्र0 वन निगम लि0 को रखा जायेगा।
श्री सिंह ने बताया कि अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, वित्त, आयुष, एम0एस0एम0ई0, सिंचाई, पंचायती राज, ग्राम विकास, राजस्व, खेल, संस्कृति, कृषि एवं उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग पदेन सदस्य होंगे। ईको- पर्यटन क्षेत्र के तीन विशेषज्ञ- डब्लू डब्लू डब्लू एफ इंडिया, बी0एन0एच0एस0, टीएसए तथा कतरनिया घाट फाउण्डेशन से ईको पर्यटन क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे। बोर्ड के माध्यम से स्थानीय ग्रामीण पर्यटन विकास के लिए स्थानीय पर्यावरण एवं सहायता समूहों के माध्यम से जंगली शिवरों एवं अन्य मनोरंजक गतिविधियों का प्रबन्धन किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय ग्रामीण लोगो को रोजगार के अवसर सृजित किये जायेंगे। इसके अलावा पर्यटन से जुड़े स्थलों के संरक्षण के लिए गतिविधियों का आयोजन एवं स्थानीय ग्रामीण जनमानस को कुशल एवं जागरूक बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 16,620 वर्ग किलो मी0 वन क्षेत्र के साथ-साथ सुंदर लैण्डस्केप, वन नदियाँ, लुभावने झरने, पक्षियों की असंख्य प्रजातियां एवं जानवरों का निवास स्थल के अलावा राज्य में एक राष्ट्रीय उद्यान 11 वन्यजीव अभ्यारण, 24 पक्षी अभ्यारण तथा 09 ईको टूरिज्म सर्किट विकसित किये गये है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम वन्य जीव सर्किट के अन्तर्गत अमनगढ़ बिजनौर, शिवालिक सहारनपुर, हस्तिनापुर वन्यजीव अभ्यारण, टाइगर सर्किट के अन्तर्गत, चुका पीलीभीत, दुधवा नेशनल पार्क, कतरनिया घाट, वाइल्ड लाइफ सैन्चुअरी, किशनगढ़ वाइल्ड लाइफ सैन्चुअरी स्थित है। इसके अलावा ब्रज भूमि, वन्यजीव/वेट लैण्ड सर्किट में भालू बचाव केन्द्र, आगरा, राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण, लायन सफारी, ईटावा, ताज नेचर वाक आगरा तथा दक्षिणी बुन्देलखण्ड सर्किट में छेवगढ़ ललितपुर, चित्रकूट, कालिजर, बांदा, महावीर स्वामी, वाइल्डलाइफ सैन्चुअरी, विजयसागर बर्ड सेन्चुरी तथा पूर्वी वन्यजीव सर्किट के अन्तर्गत सुहेलवा, काशी वन्यजीव तथा पार्वती आगरा पक्षी बिहार शामिल है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि यह बोर्ड रोजगार सृजन, कैरावन टूरिज्म, सी-प्लेन, रीवर क्रूज, पीपीपी परियोजना, होटल, वेलनेस टूरिज्म, ग्रामीण कृषि पर्यटन, ट्रैकिंग, कैम्पिंग, वन संरक्षण आदि को बढावा देगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड के गठन से रोजगार की संभावनाये बढ़ेगी तथा राजस्व सृजन भी होगा। उन्होंने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिये कि ईको-टूरिज्म स्थानों को शामिल करते हुए प्रस्ताव तैयार किया जाए। वन मंत्री ने बोर्ड के गठन के लिए बहुमूल्य सुझाव देते हुए कहा कि वन पर्यटन एवं आयुष विभाग के संयुक्त प्रयास से बोर्ड की गतिविधियों को व्यवहारिक स्वरूप दिया जा सकेगा ।
आयुष मंत्री ने कहा कि मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली जनपद ईको-टूरिज्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान हैं। इनको शामिल करते हुए एक पूरी कार्ययोजना तैयार की जाये। इन जनपदों में टूरिज्म की अपार संभावनाये है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सिरसी झील समेत, चुनार किला पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है। कनहर नदी के आसपास का विकास ग्रामीण टूरिज्म के तहत शामिल करने पर विचार किया जाये।
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने कहा कि बोर्ड के सभी प्रस्ताव निर्धारित समय में तैयार कर लिया जायेगा। इसके पश्चात ईको-टूरिज्म बोर्ड की विभिन्न गतिविधियां को धरातल पर उतारा जायेगा। प्रबन्ध निदेशक पर्यटन विकास निगम अश्विनी कुमार पाण्डेय ने विस्तार से प्रस्तावित बोर्ड की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया।
ईको-पर्यटन विकास बोर्ड के गठन का प्रस्ताव 15 दिन के अन्दर तैयार
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