गोपेश्वर/ लखनऊ। उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत तिब्बत सीमा क्षेत्रान्तर्गत रैनी गांव का ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही की सूचना है। जानकारी मिली है कि इससे धौली गंगा के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों के बह जाने की आशंका है।वहीं इस आपदा के बाद उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। गंगा किनारे वाले जिलों मे प्रशासन को अर्लट रहने के लिए कहा गया है। यूपी के बिजनौर, कन्नौज फतेहगढ़, प्रयागराज, कानपुर, मिर्ज़ापुर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजीपुर, वाराणसी में हाई अर्लट जारी किया गया है।
उत्तराखंड में बांध टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के संबंधित विभागों और अफसरों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है। सीएम ने कहा कि है हालात पर मुस्तैदी के साथ पूरी नजर रखी जाए। इतना ही नहीं एसडीआरएफ को भी अलर्ट कर दिया गया है।
हादसे में चमोली-ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान होने की बात सामने आई है। तपोवन बैराज पूरी तरह ध्वस्त होने की सूचना मिल रही है। नदी के किनारे बसे तमाम इलाकों में अलर्ट जारी कर मुनादी करायी जा रही है। ताजा समाचार मिलने तक कर्णप्रयाग में बाजार खाली कराए जा रहे हैं।
जिला प्रशासन व एनडीआरएफ के अधिकारी व कर्मचारी इलाके में बचाव के लिए पहुंच गए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन सचिव और चमोली के जिलाधिकारी से घटना की जानकारी लेकर जरूरी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा है कि चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है।
ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान ना दें । सरकार सभी ज़रूरी कदम उठा रही है।एनडीआरएफ के जोशीमठ पोस्ट के हेड कांस्टेबल मंगल सिंह ने बताया कि 10ः55 बजे जोशीमठ थाना द्वारा रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने की सूचना दी गयी, जिसके बाद तत्काल टीम को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया।