राज प्रताप सिंह
लखनऊ।कागजों में हो रही गांवों की सफाई का नजारा बुधवार को बख्शी का तालाब विकास खण्ड अंतर्गत चकपृथ्वीपुर गांव में देखने को मिला। जब गांव में प्रमुख सचिव के आने की सूचना विकाश खण्ड के जिम्मेदार अधिकारियों को मिली तो गांव की दुर्दशा सुधारने के लिए सैकड़ों सफाईकर्मी जुटा दिये गये।वहीं ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कभी भी न दिखने वाले सफाईकर्मी आज सुबह से ही नालियों सड़कों की सफाई करने में जुटे हैं।
अधिकारी भी गांव की जांच कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि शायद कोई बड़े साहब गांव देखने आ रहे है तभी इतनी सफाई हो रही है।जहां एक ओर देश और प्रदेश की सरकार गांवों को गंदगी मुक्त बनाने के लिए कृतसंकल्पित होकर स्वच्छता अभियान जैसा महा अभियान चलाकर गंदगी मुक्त देश व प्रदेश का स्वच्छ भारत का सपना साकार करने में जुटी हुई है। जिसके तहत नेता मंत्री यहां तक जानी मानी हस्तियां सफाई अभियान को सफल बनाने के लिए हाथों में झाड़ू पकड़े दिखाई दिए हैं।
वहीं दूसरी ओर 94 ग्राम पंचायत वाली विकास खंड बख्शी का तालाब का नजारा कुछ और ही दिखाई देता है।विकास खंड कार्यालय से कुछ ही दूरी पर पड़ने वाली ग्राम पंचायत सोनवा एक आदर्श ग्राम पंचायत चुनी गई है लेकिन हकीकत सिर्फ गावों में है कागजों में तो सभी जिम्मेदारो ने चकाचक दिखा कर आदर्श ग्राम पंचायत घोषित कर दिया।
आदर्श ग्राम पंचायत सोनवा का मजरा डींगुरपुर में सड़कों पर भरा पानी व गन्दगी से पटी नालियां ग्रामीणों के लिये अभिशाप बन गई हैं क्योंकि वहाँ कभी न ही सफाई कर्मी जाता है न ही कोई इनकी मदद करने वाला लोग उसी कीचड़ भरे रास्ते से निकलने को मजबूर है।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत कठवारा, हरधौरपुर,पृथ्वीनगर,किशु नपुर,अकड़रिया कला,अहमदपुर खेड़ा,सिंघामऊ,गोधना,कुम्हरावां, माधौपुर,रायपुर राजा, इंदारा, मंडौली, महिंगवां, रा मपुर बेहड़ा,दौलतपुर,पैकरामऊ,दुघरा, रवामऊ,बरगदी कला,पहाड़पुर,मदारीपुर,जमखनवां, देवरी रुखारा सहित 70 अन्य ग्राम पंचायतों में बजबजाती नालियों से नालियों से लोगों को डेंगू मलेरिया जैसी घातक बीमारियों का डर सता रहा है।
सफाई कर्मियों की हठ धर्मिता के चलते नालियो में भरी गन्दगी बजबजाती देखी जा सकती है।शासन प्रशासन जान कर भी अंजान बना हुआ है।पूरा देश कोरोना महामारी जैसे संकट से गुजर रहा है परंतु सफाई कर्मी सफाई पर ध्यान देना मुनासिब नही समझ रहे हैं।पूरे देश प्रदेश के नेता मंत्री तक हाथ में झाड़ू लेकर सफाई करने में गुरेज नहीं करते हैं तो राजस्व गांव में तैनात सफाई कर्मी अपने कार्य स्तर पर कार्य न करके कभी कभार दिहाड़ी पर मजदूर लगाकर इधर उधर झाड़ू लगवा देते हैं। मासिक वेतन निकालकर मौज उड़ा रहे हैं ।किंतु अपने कार्यस्थल पर जाकर कार्य करने में अपनी तौहीन समझते हैं।
आखिर क्यों ? कहीं अधिकारियों और ग्राम प्रधान का वरद हस्त तो नहीं प्राप्त है।शायद सफाई कर्मी भूल जाते हैं कि जब नियुक्ति के समय यही सफाई कर्मी साक्षात्कार के लिए गंदे नाले को भी साफ करने में गुरेज नहीं करते थे। आज वही कार्यस्थल पर कार्य करने में अपनी तौहीन समझते हैं।एक ओर स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए तहसील में गन्दगी न होने देने की शपथ ली जा रही है वही दूसरी तरफ ग्राम पंचायतो में गंदगी का अंबार लगा देखा जा सकता है। सफाई कर्मी अधिकतर ग्राम प्रधानों व विकास खंड अधिकारियों तथा एडीओ पंचायत के सागिर्द बनकर चाटुकारिता करते हुए नजर आते है।
ग्रामीणों ने खोली सफाई व्यवस्था की पोल
रामरती महिला चकपृथ्वीपुर
हम लोग इसी कीचड़ से होकर निकलते हैं।गन्दगी होने के कारण पैर सड़ जाते हैं व मच्छर के आतंक से परेशान हैं लेकिन सफाईकर्मी कभी सफाई करने नही आता।आज करीब 1 वर्ष के बाद नालियों की सफाई हो रही है।
दीपक कुमार ग्रामीण चकपृथ्वीपुर
इधर कभी कोई भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी नही आता वर्षो से यह जलभराव बना रहता है।ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मी की हठधर्मिता के चलते गांव में गंदगी का अंबार लगा देखा जा सकता है।
अरविंद कुमार ग्रामीण चकपृथ्वीपुर
सफाई कर्मी के खिलाफ कई बार एडीओ पंचायत को अवगत भी कराया गया परन्तु सफाई कर्मी के विरुद्ध कोई भी विधिक कार्यवाही नही की गई अब कोई बड़े अधिकारी के आने की खबर है तो सैकड़ों सफाईकर्मी दिखाई दे रहे हैं वैसे एक भी नही दिखता।