राज प्रताप सिंह
लखनऊ।बख्शी का तालाब क्षेत्र में लाकडाउन के बाद बड़ी मुश्किल से बाजारों की स्थिति अब ठीक हो रही है। लाकडाउन में सर्वाधिक तकलीफ का सामना लोगों ने किया है।जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा मध्यम वर्गीय लोगों की हालत खराब होकर रह गयी है। उस पर अब महंगाई की मार के कारण लोगों की स्थिति और बिगड़ रही है।अनाज के साथ-साथ खाद्य तेलों के दामों में भी काफी तेजी देखी जा रही है। जिससे सामान्य लोगों के घरों का मासिक बजट प्रभावित होने लगा है।
अब होली के त्यौहार पर महंगाई आमजन को रुला रही है।खाद्य सामग्री महंगी होने से आम आदमी का त्यौहार पर बजट बिगड़ गया है।वनस्पति और रिफाइंड पिछली होली से 50 रूपये महंगा हुआ है।
त्यौहार से पहले आम आदमी के बजट पर असर पड़ा है।होली के त्यौहार पर वनस्पति रिफाइंड सरसों का तेल सहित खाद्य सामग्री महंगी हुई है
लोगों का कहना है कि महंगाई बढ़ रही है इसका सबसे ज्यादा असर रोजाना कमाने खाने वालों पर हो रहा है लोगों का कहना है कि सरकार को महंगाई पर रोक लगानी चाहिए दुकानदारों का तर्क है कि जब थोक में माल महंगा मिल रहा है तो खुले बाजार में महंगा बेचना मजबूरी है। होली के त्यौहार पर मेवा पर भी महंगाई का असर पड़ा है।जहां गरी 220 रुपये किसमिस 240 रुपये चिरौंजी 1200 रुपये मखाने 600 रुपये किलो में मिल रहे हैं।
रवी गुप्ता किराना दुकानदार ने बताया कि वनस्पति के दाम कम्पनियों ने बढ़ाए हैं।वनस्पति एक साल में 60 रुपये महंगा हुआ है इससे खुले बाजार में वनस्पति महंगा बेचा जा रहा है।
सुजीत सिंह किराना दुकानदार ने बताया कि वनस्पति और रिफाइड़ महंगा होने का बाजार पर असर है आम आदमी त्यौहार पर पर खरीदारी में कटौती कर रहा है जिससे बिक्री पर असर पड़ रहा है।
परिवार के मुखिया वीरेन्द्र सिह ने बताया कि होली के त्यौहार पर रोजाना कमाने खाने वाले परेशान हैं वनस्पति,रिफाइंड,सरसों का तेल,खाद्य पदार्थ महंगा होने से बजट बिगड़ गया है।
ग्रहणी पिंकी सिंह ने बताया कि सरकार को महंगाई रोकनी चाहिए महंगाई का सबसे ज्यादा असर रसोई पर ही पड़ता है।इतनी अधिक महंगाई में त्यौहार पर खरीदारी करना अब मुश्किल हो गया है।
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एक साल में कितनी हुई महंगाई
माल मार्च 2022 मार्च 2021
रिफाइंड 170 रूपया 120 रूपया
वनस्पति 160 रूपया 110 रूपया
सरसों का तेल 180 रूपया 140 रूपया
चीनी 38 रूपया 35 रूपया
रवा 30 रूपया 24 रूपया
मैदा 28 रूपया 22 रूपया