लखनऊ। टीबी ग्रसित मरीज के परिजनों को इसके संक्रमण से बचाने के लिए प्रिवेंटिव थेरेपी दें। इसके अलावा लोगों को यह जरूर बतायें कि केवल फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है ताकि लोग क्षय रोगी के साथ कोई भी भेदभाव न हो।यह बातें गुरूवार को टीबी चैम्पियन की समीक्षा बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आरवी सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों के परिवार के सदस्यों को प्रीवेंटिव थेरेपी लेने के लिए राजी करें और इसके लिए उनकी काउंसलिंग करें। उन्होंने टीबी चैम्पियन से कहा कि वह क्षय रोगियों और उनके आस पास के लोगों को यह जरूर बतायें कि केवल फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है ताकि लोग क्षय रोगी के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करें। इसके अलावा वर्ल्ड विजन संस्था से सभी टीबी चैम्पियनको सीयूजी मोबाइल नम्बर मुहैया कराने के निर्देश दिये, जिससे कि क्षय रोगी के पास एक स्थायी नंबर हो और वह समय रहते मदद ले सके।
बैठक में वर्ल्ड विजन इण्डिया संस्था के जिला समिति समन्वयक अश्विनी कुमार पीपीटी के माध्यम से पिछले तीन माह के कार्यों का विवरण दिया कि कितने क्षय रोगियों के परिवार के सदस्यों को टीबी चैम्पियन द्वारा एनटीईपी की सुविधाएं दी गई और कितनों की काउंसलिंग की गयी।मालूम हो कि टीबी चैम्पियन की अवधारणा वर्ल्ड विजन इंडिया की पहल है। जो क्षय रोगी ठीक हो जाते हैं और वह समुदाय में क्षय उन्मूलन को लेकर अपना सहयोग देना चाहते हैं तो उन्हें टीबी चैम्पियन बनाकर टीबी इकाई पर नामित कर दिया जाता है। जहां पर वह क्षय रोगियों का फॉलोअप करते हैं और बीमारी का सामना करने में उनकी मदद करते हैं।