Rajpratap Singh
प्रयोगशाला से किसानों के खेतो तक पहुंचाई जाएगी तकनीकी जानकारी : प्रो.गजेंद्र
लखनऊ।बख्शी का तालाब स्थित चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के उद्यान विज्ञान विभाग के परास्नातक शोधार्थी उत्कर्ष वर्मा गांठ गोभी पर सल्फर की उपयोगिता पर शोधकार्य कर रहे हैं। अपने 1 वर्ष के शोध में उन्होंने देखा की जिस गांठ गोभी की फसल पर सल्फर का प्रयोग किया गया उस गांठगोभी का वजन 600 ग्राम था, जिस फसल पर सल्फर बिल्कुल प्रयोग में नहीं लाई गई उस गांठगोभी का वजन 160 ग्राम था।
एमएससी (कृषि )उद्यान विज्ञान विभाग के शोधार्थी उत्कर्ष मिश्रा ने बताया कि अभी शोध कार्य चल रहा है। आगे और अच्छे परिणाम आने की संभावना है। महाविद्यालय के निदेशक प्रो.योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि लखनऊ जिले की भूमि निरंतर सल्फर की कमी हो रही है उन्होंने बताया कि इस संबंध में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली को भी अवगत कराया जा चुका है।
पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए आने वाले समय में अलग से सूक्ष्म तत्वों की आवश्यकता होगी। इसको ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय में परास्नातक कृषि के छात्रों को इस समस्या का सही अनुमान लगाने के लिए शोध कार्य कराए जा रहे हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो गजेंद्र सिंह ने बताया कि सूक्ष्म पोषक तत्व निरंतर कम हो रहे हैं और इनकी कमी को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर शोध कार्य किया जाएगा साथ में किसानों को प्राकृतिक एवं जीरो बजट खेती पर भी जोर दिया जाएगा जिससे किसानों की लागत कम हो सके और आमदनी अधिक हो।
प्रोफेसर सिंह ने बताया कि महाविद्यालय के प्रयास से किसानों को तकनीकी जानकारी मुहैया कराई जाएंगी। महाविद्यालय उद्यान विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जसकरन एवं सहायक आचार्य एल पी यादव,डॉ दीप्ति श्रीवास्तव एवं डॉ एस पी सिंह के सहयोग से उद्यानिकी फसलों पर शोधकार्य चल रहा है। कृषि महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया की इस प्रकार के शोध को किसानों तक पहुंचाने का कार्य महाविद्यालय शीघ्र करेगा जिससे कम लागत में किसान अपना उत्पादन बढ़ाकर आमदनी दुगनी कर सकें। महाविद्यालय में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए तथा दलहन एवं तिलहन को बढ़ावा देने पर भी कार्य कर रहा है।